शिवराजपुर में बीमारी से परेशान एक बुजुर्ग ने गंगा में छलांग लगा दी। काफी खोजबीन के बाद भी बुजुर्ग का कुछ पता नहीं चल सका है। जानकारी पर पहुंचे परिजनों ने बताया कि कई साल से कैंसर से पीड़ित बुजुर्ग ने जान देने के इरादे से ही गंगा में छलांग लगाई है। पुलिस कहना है कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है
मंदिर जाने की बात कहकर निकले थे बाइक से
चौबेपुर के बंसठी गांव निवासी दया शंकर (65) कैंसर से पीड़ित हैं। बेटे रमेश ने बताया कि पिता का जेके कैंसर इंस्टीट्यूट में करीब तीन साल से इलाज चल रहा है। बुधवार करीब 5:00 बजे पिताजी घर से शोभन मंदिर में दर्शन करने की बात कह कर बाइक से निकले थे।
पुल पर बैठे रहे, अंधेरा होते ही लगा दी छलांग
खेरेश्वर घाट पर कुछ लोगों ने बताया कि वह पुल पर गंगा की ओर पैर लटकाकर बैठे थे। अंधेरा होते ही उन्होंने गंगा में छलांग लगा दी। राहगीरों ने इसकी सूचना तत्काल 112 नंबर डायल कर पुलिस को दी। सूचना मिलते ही शिवराजपुर थाने का फ़ोर्स मौके पर पहुंचा।
मौके पर बाइक, दवाइयां व मोबाइल मिला
पुलिस को घटनास्थल के पास खड़ी बाइक में कुछ दवाइयां और मोबाइल मिला। इसके आधार पर पुलिस ने मामले की जानकारी परिजनों को दी। जानकारी मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे। शिवराजपुर थाना प्रभारी अमान सिंह ने बताया कि बुजुर्ग की खोजबीन की जा रही है। परिजनों के अनुसार बुजुर्ग कैंसर से परेशान रहते थे। परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली, अगर कोई तहरीर देता है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
दवा से भी नहीं मिल रहा था आराम
बेटे रमेश ने बताया कि पिता का करीब 3 साल से जेके कैंसर इंस्टीट्यूट से इलाज चल रहा था लेकिन लाभ न मिलने से वह परेशान रहते थे। डॉक्टर ने पिता से कहा था कि आप कब तक ठीक होंगे, उस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है दवाइयां लगातार खाते रहें।
पिता कैंसर की तीसरी स्टेज से गुजर रहे थे
रमेश ने बताया कि पिता को मुँह में कैंसर था, जिस वजह से उनको खाने में दिक्कत होती थी, पिता कैंसर की तीसरी स्टेज से गुजर रहे थे मुंह के कैंसर होने की वजह से उनको बोलने और खाने पीने में बहुत अधिक परेशानी होती थी, जिस वजह से परेशान होकर उन्होंने ऐसा खौफनाक कदम उठा लिया, उनके ऐसा करने से घर के लोग बहुत दुःखी हैं।