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कांस्टेबलों ने सीखे आपदा, एक्सीडेंट, गर्मी व लू से बचाव के तौरतरीके

शनिवार को पुलिस आयुक्त के निर्देशन में पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में एक विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी ने भाग लिया।

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Akhilesh Shukla
 प्रशिक्षण में मौजूद पुलिसकर्मी और डेमो के जरिये सिखाए गए बचाव के तौरतरीके।

प्रशिक्षण में मौजूद पुलिसकर्मी और डेमो के जरिये सिखाए गए बचाव के तौरतरीके। Photograph: (फोटो-वाईबीएन)

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कानपुर, वाईबीएन संवाददाता 

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पुलिस आयुक्त के निर्देशन में शनिवार को पुलिस कमिश्नर के कार्यालय सभागार में इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की ओर से कांस्टेबलों को एक्सीडेंट, आपदा, गर्मी व लू से बचाव का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही प्राथमिक उपचार के तौरतरीके भी बताए गए। प्रशिक्षण मुख्य प्रशिक्षक आपदा प्रबंधन एवं मास्टर ट्रेनर रेड क्रॉस लखन शुक्ला द्वारा दिया गया। 

ऐसे करें तेज धूप और लू से बचाव 

प्रशिक्षण में लखन शुक्ला ने बताया कि गर्म हवाओं ओर तेज धूप में निकलने से बचें। यदि किसी कारण तेज गर्मी में घर से बाहर निकलना पड़े तो नींबू पानी या इलेक्ट्रॉल पीकर निकलें। शरीर में फ्लूइड की मात्रा को पूरा करने के लिए सिर्फ ताजे पानी पर निर्भर न रहें, बल्कि ठंडा दूध और नारियल पानी जैसे देसी पेय जरूर पिएं। 

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सोडा, कोल्ड ड्रिंक, कॉफी और चाय से बनाएं दूरी 

सोडा, कोल्ड ड्रिंक, कॉफी और चाय से जितना हो सके दूर रहें। ये शरीर में पानी की मात्रा को कम करने काम करती हैं। इससे लू लगने की आशंका बढ़ जाती है। फुल बाजू के कपड़े पहनें। धूप से बचाव के लिए छाते का उपयोग करें। सिर को तौलिया से ढकें या हैट पहनें। नाक और मुंह के हिस्से को मास्क से कवर रखें या 

एक्सीडेंट में घायलों की इस तरह करें सहायता

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प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि यदि कोई एक्सीडेंट या आपदा में घायल होता है तो हमें उसकी मदद करनी चाहिए, जिसके लिए लुक लिसेन एंड फील पद्धति द्वारा मरीज की स्थिति को देखते हैं। प्रशिक्षण में सीपीआर द्वारा कृत्रिम श्वांस देकर मरीज के जीवन को कैसे बचाये जाए, इसका डेमो दिया गया। बताया गया कि किसी दुर्घटना के तीन प्रमुख कारण लापरवाही, अज्ञानता व जल्दबाजी हैं। घायलों के मरने का सबसे बड़ा कारण समय पर उन्हें फर्स्ट एड नहीं मिल पाती है। यदि हम घायल को गोल्डन आवर में मदद दें तो सबसे पहले रक्तस्राव को रोकें, रक्तश्राव रोकने हेतु तिकोनी पट्टी का प्रयोग बताया गया। सी पी आर द्वारा कृतिम श्वांस के माध्यम से जीवन बचाने के तरीके सिखाए गए। इस दौरान महिला और पुरुष कांस्टेबल द्वारा कंबल का स्ट्रेचर बनाकर घायलों को ले जाने का डेमो दिया गया। बोरी से स्ट्रेचर बनाया गया।

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