कानपुर, वाईबीएन संवाददाता
कानपुर। पनकी लॉजिस्टिक पार्क से निकिल लदे कंटेनर को चोरों ने बीते 15 मार्च को पार कर दिया था, जिसकी कीमत लगभग चार करोड़ बताई गई है। इस ब्लाइंड चोरी का आज पुलिस ने खुलासा कर दिया। चोरी की घटना को हरियाणा के गैंग ने अंजाम दिया था। पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर चोरी गए सामान की बरामदगी भी की गई है।
एक माह रेकी के बाद दिया घटना को अंजाम
डीसीपी पश्चिम आरती सिंह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि बीते 15 तारीख की मध्य रात्रि पनकी के लॉजिस्टिक पार्क से तीन करोड़ 92 लाख रुपए की निकिल प्लेट से लदे कंटेनर की चोरी हुई थी। चोरी की घटना पूरी तरह से ब्लाइंड थी। ट्रांसपोर्ट स्टॉफ ने पनकी थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चोरी के खुलासे लिए चार टीमें लगाई गईं। डीसीपी ने बताया कि पुलिस 280 सीसीटीवी की जांच के बाद गैंग तक तक पहुंच पाई। शातिर चोरों का गैंग लीडर संदीप लोहार है। इस पर हरियाणा, रोहतक के कई जिलों में 15 से अधिक हत्या, चोरी के मामले दर्ज हैं। शातिर चोरों ने कानपुर आकर एक माह तक यार्ड की रेकी की, जिसके बाद घटना को अंजाम दिया। वहीं इस घटना के बाद लॉजिस्टिक पार्क के कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है।
पनकी यार्ड में ट्रेन से उतरता है सामान
पनकी स्टेशन के पास माल वाहक ट्रेन यार्ड है। यहां ट्रेन से सामान उतार कर कानपुर में सप्लाई किया जाता है। यहां कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। शातिर चोर गैंग बना कर चोरी की घटना को अंजाम देते है। वहीं ट्रकों को भी अपना निशाना बनाते हैं।
सरगना समेत पांच फरार
पनकी पुलिस ने चोरी की घटना का खुलासा करते हुए हरियाणा निवासी कृष्ण सिंह, ईश्वर सिंह, दिल्ली के रहने वाले विनय शुक्ला, राजकुमार और रोहतक के सुमित को गिरफ्तार किया है, वहीं सरगना संदीप लोहार समेत पांच आरोपी अभी फरार हैं। गैंग में मंदीप लोहार, काला लोहार, सोनू और बादशाह भी शामिल हैं। जिन्हें पुलिस जल्द ही पकड़ने का दावा कर रही है।
शातिरों के पास मिला सामान
शातिर चोरों ने काफी माल को आधे रेट में बेच डाला था। उनके पास से पुलिस को चोरी का कंटेनर, 301 किलो निकिल प्लेट, 6 लाख 86 हजार रुपए नकद और चोरी में प्रयुक्त कार भी बरामद हुई है। फिलहाल पुलिस की कई टीमें अभी एक्टिव हैं, जल्द ही बाकी का माल और फरार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ब्लाइंड चोरी में तुरुप का इक्का साबित हुआ त्रिनेत्र
पुलिस की सफलता के पीछे त्रिनेत्र अभियान का भी अहम रोल है। जगह जगह लगाए गए सीसीटीवी ने ब्लाइंड चोरी का खुलासा करने में काफी मदद की। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी देखते हुए पुलिस उस स्थान तक पहुंची जहां पर माल को दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किया गया था। इसके बाद पुलिस गाड़ी नंबर और सीसीटीवी के जरिए बदमाशों तक पहुंची। इस दौरान करीब 280 सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए।