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CSJMU Kanpur ने इस्तांबुल यूनिवर्सिटी से एमओयू किया निरस्त

सीएसजेएमयू ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के मददगार तुर्किए के खिलाफ देशव्यापी माहौल बनने और सुरक्षा कारणों के मद्​देनजर इस्तांबुल विश्वविद्यालय के साथ किया गया शैक्षणिक समझौता रद कर दिया है। यह समझौता बीते वर्ष 15 नवबर को हुआ था।

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Sunil Verma
कानपुर की सीएसजेएमयू यूनिवर्सिटी

सीएसजेएमयू के कुलपति ने जानकारी दी है। Photograph: (वाईबीएन)

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कानपुर, वाईबीएन नेटवर्क (Kanpur News)

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छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक ने देश के सम्मान एकता और अखंडता को देखते हुए लिया कड़ा निर्णय लिया है। सीएसजेएमयू ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के मददगार तुर्किए के खिलाफ देशव्यापी माहौल बनने और सुरक्षा कारणों के मद्​देनजर इस्तांबुल विश्वविद्यालय के साथ किया गया शैक्षणिक समझौता रद कर दिया है। यह समझौता बीते वर्ष 15 नवबर को हुआ था।

प्रोफेसर विनय पाठक ने बताया कि आल इंडिया यूनिवर्सिटी एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और देश की सभी यूनिवर्सिटीज से बोला है कि जितने भी दुश्मन देश हैं जैसे पाकिस्तान , बांग्लादेश और अब तुर्की अगर इनके साथ कोई एमओयू साइन किया हो तो तत्काल उसे निरस्त करें। सीएसजेएमयू के कुलपति के अनुसार तुर्किए के शत्रु देश के साथ खड़ा होने के कारण एमओयू रद कर दिया गया है और इसकी सूचना इस्तांबुल विश्वविद्यालय को भेज दी गई है।

15 नवंबर को सीएसजेएमयू कानपुर के कुलपति व भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पाठक तथा इस्तांबुल विश्वविद्यालय तुर्किए के रेक्टर प्रो. जुल्फिकार ने आपसी समझ के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता इस्तांबुल विश्वविद्यालय में रेक्टर के कार्यालय में हुआ था। समझौते के तहत दोनों विश्वविद्यालयों के छात्र और शिक्षक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर के अनुसंधान और अकादमिक डेवलेपमेंट के लिए एक साथ मिलकर कार्य करने वाले थे। सीएसजेएमयू के कुलपति का कहना है कि कोई भी शैक्षणिक समझौता देश की आन से बड़ा नहीं है।

Kanpur News
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