Advertisment

Kanpur News : सीएसजेएमयू की वर्कशाप में छात्रों ने पूरा किया 30 मिनट का टास्क, बहुत आया मजा

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय फिल्म मेकिंग वर्कशॉप में छात्रों ने महज 30 मिनट में टास्क पूरा किया तो उन्हें बड़ा मजा आया। यहां रंगशिला प्रोडक्शन और JIMMC के संयुक्त तत्वाधान में 15 से 17 अप्रैल तक कार्यशाला आयोजित हो रही है।

author-image
Abhishek kumar
सीएसजेएमयू में फिल्म मेकिंग की वर्कशॉप।

सीएसजेएमयू में तीन दिवसीय वर्कशॉप में एक्सपर्ट्स ने छात्रों की जानकारियां दीं। Photograph: (वाईबीएन)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कानपुर, वाईबीएन नेटवर्क (Kanpur News)

Advertisment

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय फिल्म मेकिंग वर्कशॉप में छात्रों ने महज 30 मिनट में टास्क पूरा किया तो उन्हें बड़ा मजा आया। यहां रंगशिला प्रोडक्शन और JIMMC के संयुक्त तत्वाधान में 15 से 17 अप्रैल तक कार्यशाला आयोजित हो रही है। कार्यशाला में फिल्म के एक्सपर्ट्स ने छात्रों से बातचीत करके फिल्म की बारीकियां को समझाया। विवि में कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की प्रेरणा और मार्गदर्शन में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

फिल्म मेकिंग सिखाती है टीमवर्क: असीम बजाज

कार्यशाला के दूसरे दिन सिनेमैटोग्राफर असीम बजाज छात्रों को कैमरा और फिल्म मेकिंग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह कोई अकेले करने का काम नहीं है, फिल्म पूरी टीम के भरोसे, तालमेल और जुनून से बनती है। उन्होंने कहा कि विश्वास, और जोखिम लेने की भावना ही एक बेहतरीन फिल्म निर्माण की बुनियाद रखते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म मेकिंग हमारा प्रोफेशन के साथ साथ पैशन भी होना चाहिए। उन्होंने छात्रों को कैमरा के पीछे की दुनिया को बताते हुए कैमरा के शॉट्स और एंगल्स को किस तरह किस जगह पर यूज के बारे में बताया। सेशन के दौरान उन्होंने छात्रों से सीधा संवाद किया। कलर साइकोलॉजी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह फिल्म मेकिंग का एक अहम हिस्सा है, जिसके माध्यम से हम कैरेक्टर के इमोशंस को प्रभावी रूप से दिखा सकते हैं।

Advertisment

स्क्रीन राइटिंग है जरूरी : सचिन मालवीय 

वर्कशॉप में में फिल्म मेकिंग पर बात करते हुए कहा सचिन मालवीय ने बताया कि किसी भी फिल्म को बनाने से पहले स्क्रीन राइटिंग बहुत जरूरी है इसके माध्यम से हम सेट पर अपने समय को बचा सकते है। उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा समय हम प्री प्रोडक्शन में देंगे उतना ही बजट हम प्रोडक्शन के दौरान बचा सकते हैं, क्योंकि फिल्म के लिए बजट एक महत्वपूर्ण पहलू है।

कहानी जितनी सिंपल, उतनी बेहतर : अवनीश मिश्रा

Advertisment

कार्यशाला के दूसरे सेशन में छात्रों से बातचीत करते हुए अवनीश मिश्रा ने कहा कि फिल्म में आपकी कहानी जितनी सिंपल होगी वह उतनी ही बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि फिल्म के लिए आइडिया भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने छात्रों को 24 घंटे फिल्म मेकिंग चैलेंज के लिए मार्गदर्शन किया।

छात्रों ने 30 मिनट बना डाली शार्ट फिल्म

दूसरे सेशन में सबसे रोचक टास्क छात्रों को 30 मिनट में फिल्म मेकिंग काचैलेंज दिया गया, जिसमें छात्रों को केवल पांच शॉर्ट्स के माध्यम से अपनी कहानी को एक्सपर्ट्स तक पहुंचाया।इस अवसर पर कार्यशाला में विभागाध्यक्ष डॉ विशाल शर्मा, सहायक विभागाध्यक्ष डॉ ओमशंकर गुप्ता, डॉ. जितेन्द्र डबराल, डॉ योगेन्द्र पांडेय, डॉ दिवाकर अवस्थी, डॉ. रश्मि गौतम, प्रेम किशोर शुक्ला ,सागर कनौजिया समेत सभी सदस्य मौजूद रहे।

Kanpur News
Advertisment
Advertisment