रामनवमी की शोभायात्राओं में हुए बखेड़ों के बाद पुलिस के मुकदमा दर्ज कराए जाने और उस पर भाजपा नेताओं की चुप्पी से गुस्साए हिंदू संगठनों ने गुरुवार को भाजपा के ही खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गुरुवार को शहर में थे। वे कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। पत्रकारों से बतियाए और रामनवमी के बखेड़ों में नामजद लोगों पर कहा भी कि किसी कार्यकर्ता का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन विरोध में भाजपा के दक्षिण कार्यालय पर हनुमान चालीस का पाठ कर रहे हिंदू संगठनों की ओर रुख तक नहीं किया। उनसे बातचीत की जरूरत तक नहीं समझी। इस रवैये पर हिंदू संगठनों के नेताओं में भारी रोष है।
राम नवमी के मौके पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान हुए विवाद और उसके बाद दर्ज की गई FIR को लेकर कानपुर में हिंदूवादी संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा है। इन संगठनों ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए FIR को वापस लेने की मांग की।
लहराए पोस्टर- हिंदुओं की सरकार, हिंदुओं पर एफआईआर
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर नारेबाजी की। पोस्टरों पर लिखा था हिंदुओं की सरकार हिंदुओं पर FIR", जिससे नाराजगी साफ झलक रही थी।
...तो करेंगे बीजेपी का खुलकर विरोध
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि इस मामले में दर्ज FIR को तत्काल प्रभाव से वापस नहीं लिया गया तो वे बीजेपी के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ेंगे और आने वाले चुनावों में उसका खुलकर विरोध करेंगे।
पुलिस की अनुचित कार्रवाई पर चुप रहे भाजपाई
प्रदर्शन कर रहे संगठनों का आरोप है कि राम नवमी जैसे पवित्र पर्व पर धार्मिक भावनाओं के साथ निकाली गई शोभायात्रा को लेकर प्रशासन ने न सिर्फ अनुचित कार्रवाई की, बल्कि सत्ताधारी पार्टी भी चुप रही। उनका कहना है कि यह हिंदू समाज का अपमान है और इस पर बीजेपी को स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।
नहीं दी बीजेपीवालों ने कोई प्रतिक्रिया
अब तक बीजेपी की ओर से इस धरने और मांगों को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है लेकिन स्थानीय नेताओं के बीच हलचल जरूर देखी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व जल्द ही संगठन के प्रतिनिधियों से संवाद कर मामले को शांत करने की कोशिश कर सकता है।