कानपुर शहर का प्रमुख झकरकटी बस स्टैंड वर्तमान समय में बदहाली के दौर से गुजर रहा है। अंतरराज्यीय बस अड्डा कहा जाने वाला झकरकटी बस अड्डा आज जल भराव के साथ-साथ धूल मिट्टी व कीचड़ से सराबोर है। रोडवेज प्रबंधन द्वारा की जा रही अनदेखी का भुगतान यात्रियों को करना पड़ रहा है।
बस अड्डे तक पहुंचने में होती है दिक्कत
गुरुवार की सुबह से अचानक शुरू हुई बारिश ने इस बस अड्डे की हालत और खराब कर दी। पहले ही बस अ़ड्डे पर कई स्थान पर गंदगी व ग़ड्ठों की भरमार थी इसके बाद बुधवार की देर रात हुई बारिश से यहां जलभराव हो गया जिससे यात्रयों का निकलना मुश्किल हो रहा था। जगह-जगह जल भराव कीचड़ व गंदगी के चलते यात्रियों को जहां बसो को पकड़ने में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं वहीं मुख्य सड़क से लेकर बस अड्डे की इमारत तक पहुंचने में भी काफी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।
मिट्टी कीचड़ से खराब हो जाते कपड़े
यात्रियों का कहना है कि वह लोग झकर कटी बस स्टैंड पर आते हैं ताकि यहां से बस मिल जाए और वह अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सके परंतु यहां हालात यह है की मुख्य सड़क से ही अंदर आने में यात्रियों की हालत खराब हो जाती है। बस पकड़ना तो दूर कपड़ों में मिट्टी सन जाती है तथा जगह-जगह हुए जल भराव के चलते कपड़े खराब हो जाते हैं। इस बात की शिकायत वी लोग जब शिकायत पुस्तिका में करने के लिए बस स्टैंड पर जाते हैं तो कर्मचारियों द्वारा कहा जाता है कि यहां पर कोई भी शिकायत पुस्तिका भी उपलब्ध नहीं है। जब होगी तब उनकी शिकायत लिख दी जाएगी।
तो लेना पड़ेगा निजी बसों का सहारा
यात्रियों का मानना है कि अगर रोडवेज प्रबंधन ने झकर कटी बस स्टैंड के रखरखाव की ओर ध्यान नहीं दिया तो वह दिन दूर नहीं जब लोग सड़क पर ही खड़े रहेंगे और प्राइवेट बसों के माध्यम से अपना सफर पूरा करेंगे। झकरकटी बस स्टैंड के बगल में चल रहा है मेट्रो के कार्य की वजह से भी स्टेशन परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मेट्रो के कार्य से निकलने वाली मिट्टी की धुलाई के चलते भी जगह-जगह छोटे-छोटे ढेर मिट्टी के लगे हुए हैं जो की फीसलन का कारण भी बनते हैं। यात्री सुविधाओं के अभाव में रोडवेज प्रबंधन को खोजते हुए अपने सफ़र को पूरा कर रहे हैं।