कानपुर वाईबीएन संवाददाता।
किसी के उपचार की व्यवस्था करने तो किसी को मकान दिलाने किसी को सुनने की दिक्कत होने के कारण उसे कान से सुनने की मशीन दिलाने के कारण लोगों के बीच लोकप्रिय होते जा रहा जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह सोमवार को एक विधवा के अभिभावक बन गये। अपने रोजगार का इंतजाम होने से खुशी के आंसू न रोक पा रही विधवा डीएम कार्यालय में सबके सामने कहने लगी कि एक उसे जन्म देने वाले पिता थे अब रोजगार का इंतजाम कराकर पिता उनके दूसरे पिता बन गए वह हमेशा पिता की तरह ही डीएम साहब का सम्मान करेगी।
रोज ही होता है जनता दरबार का आयोजन
वैसे तो अफसरशाही को लेकर आम जनता की राय बिल्कुल अलग होती है, लेकिन शहर के जिलाधिकारी इन दिनों अपनी अच्छी कार्यशैली के लिए विख्यात हो रहे है। वैसे तो सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता को मिल सके इसके लिए जनता दरबार का आयोजन प्रतिदिन किया जाता है। इसके बाद भी कई मामले ऐसे सामने आ जाते है जहां सरकारी नियमों से कोई राहत नहीं मिल पाती। ऐसे में कई अधिकारी व्यक्तिगत मदद कर देते है जिसके लिए आम जनता शुक्रगुजार होती है। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला डीएम के जनता दरबार में।
पति की मौत के बाद ससुराल वालों ने भी निकाल दिया था
बिधनू निवासी महिला अनुराधा के पति की मौत 2017 में किडनी फेल होने से हो गई थी। पति की मौत के बाद ससुराल वालों ने अनुराधा को बाहर निकाल दिया जिसके बाद वो अपनी दो बेटियों के साथ मायके आकर रहने लगी। जीवन चलाने के लिए अनुराधा डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के जनता दरबार में पहुंची और अपना स्त्री धन ससुराल से वापस दिलवाने की गुहार लगाई।
अपने पैरों पर खड़ा होने की बात कहकर दिलाया सामान
डीएम ने अनुराधा को अपने पैरों पर खड़ा होने की सलाह दी लेकिन अनुराधा की आर्थिक स्थिति आड़े आ गई। डीएम के पूछने पर अनुराधा ने बताया कि उसको शादी के पहले से पार्लर और सिलाई के काम आता है। यह सुनते ही डीएम जितेंद्र प्रताप ने अपने पास से व्यक्तिगत रूप से पार्लर और सिलाई का पूरा सामान अनुराधा को दिलवा दिया। खुद का व्यापार शुरू होते देख अनुराधा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अपनी खुशी का इजहार करते हुए अनुराधा ने कहा कि एक पिता मेरे वो है जिन्होंने मुझे पैदा दिया लेकिन दूसरे पिता मेरे डीएम साहब है जिनकी वजह से मेरा नया जीवन शुरू हो पाया।