जेठानी की ओर से दाखिल दहेज प्रताड़ना मामले में कुर्की की नोटिस मिली तो देवरानी को अपनी गृहस्थी भी चली जाने का डर सताने लगा। कई दिन तनाव में रहने के बाद सात माह के बच्चे को दुलार-प्यार किया और फांसी लगा ली। महिला को फंदे से लटका देख परिजन उतारकर अस्पताल ले गए, जहां चार दिन इलाज के बाद मौत हो गई।
दहेज प्रथा के मामले में आई थी कुर्की की नोटिस
महाराजपुर के चांदनपुर ड्योढीघाट निवासी नंद किशोर मजदूरी करते हैं। उनके चार बेटे में सबसे बड़े अनिल की शादी फतेहपुर के बकेवर कंसाही गांव की रीनादेवी से हुई थी। दोनों में अनबन के बाद रीना आठ साल से मायके में रहती है और दहेज प्रताड़ना का मामला विचाराधीन है। नंद किशोर ने बताया कि उसी मामले में बीती 27 अप्रैल को कुर्की का नोटिस आया था। नोटिस में कुर्की की बात पढ़कर दूसरे नंबर के बेटे अजय की 25 वर्षीय पत्नी रंजनादेवी परेशान हो गई। कहने लगी कि उसकी गृहस्थी की भी कुर्की हो जाएगी।
कई दिन से थी तनाव में
कई दिन वह तनाव में रही और दो मई की शाम 8 बजे फांसी लगा ली। 7 माह के बेटे के लिए दूध लेने गया। अजय जब लौटा तो फंदे पर पत्नी को लटका देखकर नीचे उतारा और रामादेवी स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। दो दिन इलाज के बाद हैलट लाए, जहां सोमवार की रात उसकी मौत हो गई। ईंट भट्ठे पर काम करने वाले अजय के अनुसार बेटे के लिए दूध नहीं था। इसलिए वह बाजार गए थे। पत्नी बेटे को खिला रही थी, समीप ही मां राजेश्वरी और छोटा भाई सुनील रंजना को समझा रहा था कि चिंता मत करो। जो भाभी का सामान होगा, उस पर ही कार्रवाई होगी। इसके बाद मां व भाई हटे तो रंजना ने फांसी लगा ली। गनीमत रही कि इसी बीच वह आ गया, लेकिन उसके बाद भी पत्नी को नहीं बचा सके।