कानपुर,वाईबीएन संवाददाता।
एक अनार सौ बीमार वाली कहावत तो आपने भी सुनी होगी। पतारा सीएचसी के हालात बिल्कुल ऐसे ही हैं। यहां चिकित्साधीक्षक को मिलाकर कुल तीन डाक्टर हैं, जबकि रोजाना मरीज आते हैं सौ। इलाज के अभाव में ये प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख करते हैं, जहां इनका खूब शोषण होता है।
पतारा सीएचसी में सोमवार को समुचित इलाज के अभाव में घायल की मौत के आरोप पर चखचख मची है। परिजनों का आरोप था कि हादसे में घायल युवक एक घंटे तक तड़पता रहा। इस दौरान कोई डाक्टर सीएचसी में नहीं था। घायल की मौत हो चुकी थी, इसके बाद भी उसे हैलट रेफर किया गया। सच्चाई परखने के लिए मंगलवार को यंग भारत न्यूज की टीम अस्पताल पहुंची तो डाक्टरों की भारी कमी सामने आई। घटना पर चिकित्साधीक्षक ने सफाई भी दी। कहा कि उन्होंने खुद घायल का इलाज किया था। परिजनों के आरोप बेबुनियाद हैं।
चिकित्साधीक्षक समेत केवल तीन डाक्टर
सीएचसी में चिकित्साधीक्षक समेत तीन डॉक्टरों की तैनाती है। इनमें एक महिला डॉक्टर भी है। यहां डाक्टरों का कहना था कि केवल तीन डॉक्टर हैं। वे इमरजेंसी देखें या ओपीडी। डॉक्टरों की कमी के चलते यहां आने वाले मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है।
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चिकित्साधीक्षक ने दी सफाई
पतारा चिकित्साधीक्षक डॉ अभिषेक कटियार ने बताया कि सोमवार दोपहर जब युवक घायल अवस्था में आया था, तब वह स्वयं सीएचसी पर मौजूद थे। उन्होंने युवक का उपचार किया था, इसके बाद वह लालपुर पीएचसी चले गए थे। बाद में उन्हें पता चला एंबुलेंस काफी देर तक नहीं मिली, जिससे युवक पतारा सीएचसी में लगभग एक घंटे तक रुका रहा था। बाद में एम्बुलेंस आई, जिससे परिजन लेकर गए थे। हैलट अस्पताल में युवक को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था।
ओपीडी में बैठता हूं, फील्ड पर भी निकलता हूं
चिकत्साधीक्षक ने बताया कि यहां इमरजेंसी ड्यूटी करने के साथ डॉक्टर ओपीडी भी करते है। डॉक्टरों की कमी के चलते वह स्वयं ओपीडी में बैठकर मरीजों को देखते हैं। उन्हें अन्य कामों से फील्ड पर भी जाना पड़ता है। इससे सीएचसी में मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है।
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अधिकारी सुनते ही नहीं
चिकित्साधीक्षक ने बताया कि डाक्टरों की कमी के बाबत उन्होंने कई बार अधिकारियों को सूचना दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बीच में एक डॉक्टर की तैनाती हुई थी। कुछ समय बाद वह भी चला गया, जिसका वेतन जिले से रोका गया है।
रोजाना सीएचसी पहुंचते हैं एक सैकड़ा मरीज
पतारा सीएचसी में आसपास गांवों से लगभग एक सैकड़ा मरीज उपचार कराने के लिए पहुंचते है, पर डॉक्टरों की कमी के चलते उन्हें समय से उपचार नहीं मिल पाता। इससे मरीज मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में जाते हैं। इसका फायदा उठाकर प्राइवेट अस्पतालवाले मरीजों से मनमानी वसूली करते हैं।
सीएमओ बोले - जल्द कराएंगे डॉक्टर की तैनाती
इस बाबत सीएमओ हरिदत्त नेमी ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी मिली थी, जांच में एंबुलेंस देरी से मिलने की बात सामने आई है। इसके साथ ही पतारा सीएचसी में डॉक्टरों की कमी होने की जानकारी मिली है। रिपोर्ट शासन को भेजी है। जल्द सीएचसी में डॉक्टर की तैनाती कराई जाएगी।