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कानपुर, वाईबीएन संवाददाता।
कार्निया अंधता से भारत में हर साल 2 लाख लोग पीडित होते हैं, जिसमें केवल 60 हजार कार्निया उपलब्ध हो पाती हैं। इसी से प्रदेस सरकार कार्निया अंधता के मरीजों को लाभान्वित करने की मुहिम चला रही है। इसी मकसद को लेकर लाला लाजपत राय चिकित्सालय कानपुर के नेत्र विभाग में आई बैंक की स्थापना हुई है। मंगलवार को एक समारोह में नवनिर्मित आई बैंक का उद्घाटन किया गया।
विधायक नीलिमा कटियार बोलीं, करती रहूंगी मदद
समारोह में विधायक नीलिमा कटियार, प्राचार्य डा० संजय काला, उप प्राचार्य डा० रिचा गिरि, प्रमुख अधीक्षक डा० आर०के० सिंह एवं विभागाध्यक्ष डा० शालिनी मोहन ने मिलकर आई बैंक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विधायक नीलिमा कटियार ने कहा कि पूर्व में उन्होंने मरीजों के लिए विभिन्न प्रकार की मदद लाला लाजपत राय चिकित्सालय को की है। भविष्य में भी करती रहेंगी।
प्राचार्य ने कहा, मरीजों को मिलेगी उच्चस्तरीय सुविधा
प्राचार्य डा० संजय काला ने कहा कि आई बैंक से कार्निया अंधता मरीजों को उच्चस्तरीय सुविधा उपलब्ध होती रहेगी तथा कार्निया के वितरण से अन्य अस्पतालों को भी लाभ प्राप्त हो सकेगा।
मरीजों के लिए वरदान है आई बैंक- प्रमुख अधीक्षक
लाला लाजपत राय चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डा० आर०के० सिंह ने नेत्र विभाग के परिसर में आई बैंक शुरू होने पर खुशी जताई। कहा कि कार्निया अंधता से पीडित मरीजों के लिए यह आई बैंक एक वरदान की तरह साबित होगा। डा० रिचा गिरी ने नेत्र विभाग को बधाई देते हुए जनमानस से अपील की वे कार्नियल अंधता को दूर करने में मदद करें।
तीन माह के रिकार्ड समय में बना आई बैंक
विभागाध्यक्ष डा० शालिनी मोहन ने बताया कि कानपुर स्मार्ट सिटी के मद से प्राप्त धनराशि से नवीन आई बैंक का निर्माण हुआ है। उन्होंने नेत्र रोग विभाग के सभी संकाय सदस्यों, एस०आर० एवं जे०आर० को भी बधाई दी। उन्होंने बताया कि यूपीपीसीएल ने तीन महीने के रिकार्ड समय में कार्य पूर्ण किया है।
समारोह में ये लोग रहे मौजूद
डा० परवेज खान (आचार्य), डा० पारूल सिंह (सह० आचार्य) डा० सुरभी अगवाल (सहा० आचार्य), डा० नम्रता पटेल (सहा० आचार्य) के सहयोग से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस दौरान डा० ए०सी० गुप्ता (विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग) डा० एन०सी० त्रिपाठी (मुख्य चिकित्सा अधिक्षक), डा० अनुराग रजौरिया (ईएम०ओ०), डा० बर्मन (प्रभारी अधिकारी कालेज कैम्पस) एवं अन्य विभाग के विभागाध्यक्ष, जे०आर० मौजूद रहे।