कानपुर के लोगों ने मॉकड्रिल शुरू होने के पहले ही इस बात के संकेत देने शुरू कर दिये कि उनमें देश प्रेम कूट कूट कर भरा है। रात साढ़े नौ बजे ब्लैक आउट होने के कुछ मिनट पहले ही लोगों ने घरों की बत्तियां बंद कर दीं। जो घरों के भीतर थे उन्होंने ऐसी व्यवस्था कर रखी थी कि घर के कमरे में जो भी मध्यम लाइट जल रही है उसकी रोशनी भी घर के बाहर न जा सके।
ब्लैकआउट के दौरान सिविल डिफेंस के लोगों ने सायरन भी बजाया। Photograph: (कानपुर वाईबीएन)
Advertisment
घरों के बाहर न तेज आवाज में बात न कोई रोशनी
कई स्थानों पर घरों के बाहर लोग बैठे तो रहे लेकिन ना तो कोई मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था औऱ ना ही किसी से तेज आवाज में बात कर रहा था। देश के प्रति कनपुरियों का प्रेम व जज्बा देख लोग ब्लैक आउट के बाद एक दूसरे को बधाई देने के साथ ही अपने द्वारा किये गये प्रयास की जानकारी देते रहे।
Advertisment
Photograph: (कानपुर वाईबीएन)
आठ बजे से गिरने लगे दुकानों के शटर
Advertisment
देश की सुरक्षा का हवाला देकर गृह मंत्रालय ने सात मई को हर जिले में मॉक ड्रिल की घोषणा की थी। इसके तरह रात साढ़े नौ बजे से दस बजे तक ब्लैक आउट करने की बात कही गई थी। इसकी तैयारी को लेकर सुबह से ही मोहल्ले व गलियों में भी चर्चा शुरू हो गई थी। मुस्लिम बहुल तलाक महल इलाका हो या हिंदू बहुल निराला नगर किदवई नगर, शाम होते ही लोग निकलकर लोगों को जागरूक करने लगे कि रात नौ बजे के पहले ही घरेलू काम निपटा लें जिससे वह पूरी तरह ब्लैक आउट में सहयोग कर सकें। लोगों की बात सुन अधिकांश दुकानदारों ने रात आठ बजे ही गलियों की दुकानों के भी शटर गिराने शुरू कर दिये।
Photograph: (कानपुर वाईबीएन)
जरूरी सामान खरीदने को दुकानों पर जुटी भीड़
रात में ब्लैक आउट होने के एक दिन पहले ही जिस तरह भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की औऱ इसके बाद दोपहर में खबर आई की पाकिस्तान ने पुंछ इलाके में भारतीय सीमा पर फायरिंग की है, इसके बाद लोग घर में जरूरी सामान एकत्र करने के प्रयास में लग गए। शाम चार बजे जब सायरन का ट्रायल किया गया तो इसके बाद घर के बुजुर्गों के मन में पुरानी यादें ताजा हो गईं और घर में घरेलू सामान एकत्र करने की बात करने लगे। इसके बाद शाम होते होते सब्जी परचून की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लग गई। हर कोई सामान खरीद रहा था ताकि जरूरत पड़ने पर वह घर में रहकर भारतीय सेना के हर आपरेशन में भारत का साथ दे सकें।
ब्लैक आउट के दौरान तलाक महल में फैला सन्नाटा Photograph: (कानपुर वाईबीएन)
शाम से ही शराब की दुकानों में लगने लगा जमावड़ा
ब्लैक आउट के दौरान शराब की दुकानें बंद होने के अंदेश के चलते शाम सात बजे से ही शराब की दुकानों खरीदारों का जमावड़ा लगने लगा। रात दस बजे के बाद अधिकांश दुकानें बंद हो जाती हैं इसके लिये चलते माना जा रहा था कि शराब की दुकानें ब्लैक आउट के बाद नहीं खुलेंगी। इसके चलते शराब के प्रेमी रात आठ बजे तक शराब का स्टाक करने में ही लगे रहे।
ब्लैकआउट के दौरान किदवई नगर चौराहे पर पसरा सन्नाटा। यहां लगभग सभी दुकानें बंद रहीं। Photograph: (कानपुर वाईबीएन)
पुलिस ने गश्त कर लोगों को किया जागरूक
रात साढ़े नौ बजे से ब्लैक आउट होने की तैयारी के बीच शहर में पुलिस की टीम शाम से सड़क पर निकलकर लोगों को ब्लैक आउट के प्रति जागरूक करने लगी। पुलिस कर्मी जो दुकानें खुली थीं या लोग घरों के बाहर खड़े थे, उन्हें बताते रहे कि ब्लैक आउट होने पर वह घरों से बाहर न निकलें। रात नौ बजे से चौराहों पर मौजूद रहकर पुलिस कर्मी वाहन स्वामियों को बता रहे थे कि वाहन स्वामी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। रात साढ़े नौ बजे से रात दस बजे तक वाहनों को सड़क पर चलने नहीं दिया जाएगा।
Photograph: (कानपुर वाईबीएन)
कुछ वाहन सवार जलाए रहे लाइट, लोगों ने टोका
ब्लैक आउट पूरे शहर में सक्सेस रहा परंतु जागरूकता के अभाव में लाइटें जलाकर चलते दिखे। इस पर स्थानीय लोगों ने भी उनको टोका। शहर के मोहल्लो में जगह-जगह पर लोगों ने अपने घरों की लाइट बंद कर दी थी। स्ट्रीट लाइट भी सब बंद थी। इसके साथ ही साइन बोर्ड या जो भी विद्युत से चलने वाली चीज हैं वह सभी बंद कर दी गई थी।इस ब्लैकआउट को लेकर के आम जनता में जिस कदर जागरूकता थी कि वह अपने घरों के साथ-साथ अपने आसपास के भी लोगों को जागरूक करने में लगे थे। सभी ने एक दूसरे को अपने-अपने घरों की लाइट बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया। ब्लैकआउट का मतलब ब्लैक आउट होता है यह सभी ने एक दूसरे को समझाया और वाहनों में जल रही लाइटों को पुलिस ने रोक करके बंद करवाया |
ब्लैकआउट के दौरान हमीरपुर रोड के एन और एस ब्लॉक चौराहे पर जलती रही स्ट्रीट लाइट। Photograph: (कानपुर वाईबीएन)