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खुद को बजरंग दल का प्रमुख बताने वाले कृष्णा तिवारी को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कृष्णा तिवारी पर आरोप है कि उसने बिना अनुमति के प्रदर्शन कर कानून का उल्लंघन किया। पुलिस का कहना है कि कानपुर में धारा 187 लागू थी, जिसके बावजूद उसने लोगों को इकट्ठा किया और विरोध प्रदर्शन किया, जिससे शहर का माहौल बिगड़ने का खतरा बन गया था।
ये बनी गिरफ्तारी की वजह
कानपुर में प्रशासनिक आदेशों के तहत धारा 187 लागू थी, जो किसी भी प्रकार के गैरकानूनी जमावड़े और प्रदर्शन पर रोक लगाती है। इसके बावजूद, कृष्णा तिवारी ने अपने समर्थकों के साथ एकत्र होकर प्रदर्शन किया। जब पुलिस को इस बात की सूचना मिली, तो स्वरूप नगर थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
कृष्णा तिवारी का परिचय
कृष्णा तिवारी ने 2012 में बजरंग दल से अपनी यात्रा शुरू की थी और आज हिंदू धर्म और राष्ट्रहित की रक्षा के लिए सक्रिय हैं। वह कानपुर में हिंदुत्ववादी नेता के रूप में जाना जाता है और विभिन्न हिंदू संगठनों के साथ मिलकर कार्य करता है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने तिवारी को उसे उसके घर से गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। इस कार्रवाई का उद्देश्य शहर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना था। पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया कि गिरफ्तारी के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।
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थाना प्रभारी का बयान
स्वरूप नगर थाना प्रभारी सूर्य बली पांडे ने बताया कि कृष्णा तिवारी ने बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन किया था, जो कानूनी रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उसे गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस कर रही पुराने रिकॉर्ड की जांच
कृष्णा तिवारी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब उसके पुराने रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या वह पहले भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है या नहीं।