कानपुर के मरियमपुर हॉस्पिटल के सामने विगत आठ जून 2023 को तेज रफ्तार कार से जूस का ठेला लगाने वाली महिला जयंती देवी (45) को कुचले जाने के मामले में मंगलवार को अपर जिला जज आजाद सिंह की कोर्ट से पांच में से दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। शुरुआत में एक्सीडेंट लग रहा यह मामला जांच के बाद हत्या में दर्ज हुआ था।
कार में फंसी महिला को 50 मीटर तक ले गए थे घसीटते
कानपुर के मरियमपुर हॉस्पिटल के सामने विगत आठ जून 2023 को तेज रफ्तार कारसवारों ने जूस का ठेला लगाने वाली महिला जयंती देवी (45) को पहले टक्कर मारी, फिर इसके बाद कार के नीचे महिला फंसी तो कार भागने के चक्कर में उसे करीब 50 मीटर तक घसीटते ले गए। इस घटना में महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
सीसीटीवी देखकर दर्ज हुआ था मुकदमा
प्रत्यक्षदर्शियों और सीसीटीवी की मदद से आरोपियों के खिलाफ थाना नजीराबाद में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसका वाद अपर जिला जज आजाद सिंह की कोर्ट में चल रहा था, जिसमें मंगलवार को पांचों आरोपियों में से दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
बाकी तीन को भी अधिकतम सजा के लिए करेंगे अपील
शासकीय अधिवक्ता दिलीप अवस्थी की मजबूत पैरवी, पुलिस की गहन विवेचना और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आज दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता के अनुसार आरोपियों के बचे हुए 3 अन्य साथियों को भी अधिकतम सजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए अपील की जाएगी।
रंगदारी न देने पर की थी सुनियोजित ढंग से हत्या
इस मामले पर बात करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद त्रिपाठी ने बताया कि यह घटना मात्र एक सड़क दुर्घटना नहीं थी। आरोपियों ने सड़क किनारे जूस का ठेला लगाने वाली महिला से रंगदारी की मांग की थी, जिसको लेकर महिला से विवाद हुआ और उसने रंगदारी देने से इनकार कर दिया था। आरोपियों ने धमकी देते हुए अगले ही दिन इस घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था। इसलिए वह अधिकतम सजा के दोषी हैं।
प्रत्यक्षदर्शी गवाह थे महिला के दोनों पुत्र
इस घटना में महिला के दोनों पुत्र प्रत्यक्षदर्शी हैं और उन्होंने न्यायालय में आंखों के सामने हुई पूरी घटना विस्तार से साझा की, जिसके चलते न्यायालय ने अपराध की गंभीरता के आधार पर मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस सजा की घोषणा से न्याय की जीत हुई है।
इनको हुई सजा, ये हुए दोषमुक्त
अदालत ने महिला दमयंती की हत्या में मनोज और अभय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बाकी तीन आरोपी गया प्रसाद, महेश नागर, अमित करिया को दोषमुक्त किया गया। अदालत के मुताबिक इन पर दोष साबित नहीं हो सका।
गाड़ी मालिक है अभय, मनोज लगाता था ठेला, मांगता था रंगदारी
अभियोजन के मुताबिक जिन अभियुक्तों को सजा हुई उनमें अभय गाड़ी मालिक है। मनोज वहीं पर ठेला लगाता था। यही दमयंती पर वहां से ठेला हटाने का दबाव बनाता था। ठेला लगाने पर रंगदारी की मांग करता था। न देने पर साथी के साथ मिलकर महिला की हत्या कर दी थी।