वाईबीएन संवाददाता
कानपुर में प्रथम नवरात्रि को मां शैलपुत्री के पूजन के लिए देवी मंदिरों में आस्था का सैलाब देखने को मिला।भोर पहर से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी लंबी कतारें दिखाई दी।चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरुआत होने वाले नवरात्रि में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है।नवरात्रि का समापन आगामी 6 अप्रैल को होगा ।नवरात्रि के दौरान श्रद्धालु अपने सुख समृद्धि और परिवार की खुशी समेत अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मां के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना करेंगे।नवरात्रि के प्रथम दिन मां के जयकारों से देवी मंदिर गुंजायमान रहे।घंटे और घड़ियाल की आवाज से माहौल भक्तिमय बना रहा।वही भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए देवी मंदिरों में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों एवं ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।
इन मंदिरों में दिखाई दी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
शास्त्री नगर स्थित काली मठिया मंदिर,बिरहाना रोड पर स्थित तपेश्वरी मन्दिर,जूही स्थित बारा देवी मंदिर,दामोदर नगर स्थित वैष्णो देवी मंदिर,गोविंद नगर स्थित दुर्गा मंदिर और कल्याणपुर स्थित आशा देवी मंदिर,जंगली देवी मंदिर और बुद्धा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखाई दी।मंदिरों के पट खुलने से पहले ही श्रद्धालु कतारों में लगने शुरू हो गए । पट खुलते ही मां के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन पूजन किए।हाथों में पूजा की थाली लिए महिलाओ ने घंटों कतारों में रहकर मां के दर्शन के लिए इंतजार किया। महिलाओं और पुरुषों की अलग अलग कतारों की व्यवस्था की गई।पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की कतारें ज्यादा लंबी दिखाई दी।सभी बड़े मंदिरों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची।
घरों में कलश स्थापना के साथ जलाई गई अखंड ज्योति
श्रद्धालुओं ने अपने घरों में विधि विधान से शुभ मुहूर्त में मिट्टी के कलश की स्थापना कर हवन किए । जिसके बाद मां शैलपुत्री को चूड़ियां ,लाल चुनरी,सिंदूर,बिंदी,बिछिया,मांग टीका और काजल लगाकर सोलह श्रृंगार किया गया।महिलाओं ने सुपारी अर्पित कर मां घर में विराजने का निमंत्रण दिया। जिसके बाद अखंड ज्योति जलाकर दुर्गा पाठ किया। लौंग कपूर जलाकर मां की पूजा अर्चना और आरती करके उन्हें भोग लगाया गया।
महिला और पुरुष के लिए अलग कतार,की गई बेरीकेडिंग
देवी मंदिरों में महिलाओ और पुरुषों के लिए अलग अलग कतारों की व्यवस्था की गई।इसके लिए बेरीकेडिंग कर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाया गया ।महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कतारों के पास और मंदिर परिसर के अन्दर महिला पुलिस कर्मियों को लगाया गया है । इसके अतिरिक्त मंदिर समिति के वालंटियर अलग से व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने में मदद करेंगे।
पुलिस और पीएसी के साथ तीसरी आंख की नजर
शहर के छोटे बड़े 174 देवी मंदिरों की सूची बनाई गई है।इन मंदिरों में सुरक्षा और भीड़ की कंट्रोल करने के लिए पुलिस के अलावा पीएसी भी तैनात की गई।इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। मंदिर परिसर में अराजक तत्वों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जाएगी।प्रमुख मंदिरों के पास जाम जैसी स्थितियों को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस भी लगी है जो लगातार यातायात व्यवस्था को बनाए रखने में मदद कर रही है।नवरात्रि के दौरान जिले को चार जोन में बांटकर सभी जोन की जिम्मेदारी संबंधित डीसीपी को सौंपी गई है।सभी डीसीपी अपने क्षेत्रों में स्थित मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग करेंगे। एसीपी स्तर के अधिकारी और थानेदार मंदिर परिसर और उसके आस पास भ्रमणशील रहेंगे ।इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर में सिविल ड्रेस में महिला और पुलिस पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।