शनिवार को कानपुर सेंट्रल स्टेशन का नजारा ही अलग था। जो भी यहां पहुंचा चौंक पड़ा, क्योंकि आमदिनों में प्लेटफार्मों पर जगह जगह दिखने वाला कूड़ा करकट दूर दूर तक कहीं नजर नहीं आ रहा था। भूमिगत रास्ते की नाली आज बजबजा नहीं रही थी। न ही उससे कोई सड़ांध उठ रही थी। सीवर भी बदबू नहीं मार रहा था। सब चकाचक था, क्योंकि मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) रजनीश अग्रवाल को यहां आना था। कर्मचारियों ने जी जान से जुटकर सब कुछ दुरुस्त कर दिया था।
डीआरएम का दौरा था, सफाई तो होनी ही थी
डीआरएम के दौरे की खबर आते ही मानों सेंट्रल स्टेशन पर भूचाल आ गया। पूरा अमला सुबह से ही व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुट गया। डीआरएम ने हाल ही में चार्ज लिया है। स्टाफ को डर था कि कहीं उनके पहले ही दौरे में नंबर न कट जाएं। आज भूमिगत रास्ते की बाकायदा धुलाई की गई। चूने का छिड़काव करने के साथ ही इसकी बदबू को खत्म करने के भी इंतजाम किए गए थे। सभी प्लेटफार्मों पर भी सफाई व्यवस्था दुरुस्त की गई। जगह झाड़ू लगाए जाने के साथ ही कूड़े के ढेर हटाए गए। महीनों से पसरी गंदगी पल में साफ हो गई।
चौंके पड़े लोग, पूछने पर अधिकारी बोले- ये तो रूटीन सफाई है
लोगों ने जब रेल अफसरों से इस सफाई का कारण जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं, यह तो रूटीन सफाई है। यात्रियों की सुविधाओं के लिए इस तरह की सफाई व्यवस्था लगभग रोजाना की जाती है। हर प्लेटफार्म को साफ करने के साथ ही उसकी धुलाई भी की जाती है, जबकि यात्रियों का कहना था कि भूमिगत रास्ता की नाली बजबजाती रहती थी, आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया था।
दौरा तूफानी था, आधे घंटे में निपट गया
नये डीआरएम का यहां यह पहला दौरा था। वे आधा घंटा भी यहां नहीं रुके। व्यवस्थाएं दुरुस्त थीं, इसलिए देखने सुनने को ज्यादा कुछ था भी नहीं। दो एक जगह का निरीक्षण कर आगे निकल गए। सीटीएम आशुतोष सिंह भी उनके साथ चले गए।