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कानपुर के सेंट्रल स्टेशन में वीआईपी आगमन पर तैनात पुलिस बल। Photograph: (फाइल फोटो)
कानपुर, वाईबीएन संवाददाता (Kanpur News)
सुरक्षित और सुखद यात्रा का स्लोगन देने वाले रेल मंत्रालय ने सेंट्रल स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए तरह-तरह की व्यवस्थाएं की हैं। यात्रियों को साफ सुथरा प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के साथ ही पेयजल की समुचित व्यवस्था होने का दावा रेलवे प्रशासन करता है। यह दावा उस समय हवा में दिखाई देता है, जब किसी वीवीआईपी का आगमन होता है तो सुरक्षा के लिये पुलिस द्वारा कुछ ज्यादा ही इंतजाम कर देने से आम यात्री बेबस और बेहाल नजर आता है।
ध्वस्त हो जाती सारी व्यवस्थाएं
वीवीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था के चलते आम यात्री, छोटे-छोटे बच्चे, महिलाओं और बुजुर्गों को पसीना बहाते एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने या फिर बाहर निकलने के लिए भटकने को मजबूर होना पड़ता है। वीवीआईपी के आने के घंटों पहले से ही सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त नजर आने लगती हैं। स्टेशन पर आने वाले वीआईपी की सुरक्षा के इंतजाम के चलते यात्रियों को कोई दिक्कत ना हो इसका कोई भी माकूल इंतजाम नहीं किया जाता। वीआईपी के आने पर यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन वीआईपी यात्रियों के आने से आम जनता एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए इधर-उधर भटकती रहती है।
कुछ ऐसा ही अभी 3 दिन पूर्व स्टेशन पर देखने को मिला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत के आने पर जिला प्रशासन व रेलवे प्रशासन ने प्लेटफार्म नंबर एक से लेकर 4 तक की सुरंग का रास्ता तथा आने-जाने के अन्य रास्तों पर जबरदस्त पहरा बैठा दिया था। जिसके चलते यात्रियों को एक नंबर से चार नंबर प्लेटफार्म व बीच में पडने वाले अन्य प्लेटफार्म पर जाने पर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यात्रियों ने इस मामले में अपना विरोध भी दर्ज कराया है।
बुजुर्ग का हाथ पकड़कर खींचा था
एक बानगी, रामसफल यादव परिवार के साथ गांव से लौटे थे। साथ में छोटे-छोटे बच्चे और बुजुर्ग मां-पिता भी साथ थे। गांव से लौटे थे तो सामान भी ज्यादा था। ऐसे में सुरंग के रास्ते से निकलने की सोची, वैसे ही वर्दीधारी ने हाथ पकड़कर किनारे खींच दिया और झिड़की देते हुए जीने के रास्ते जाने का इशारा किया। छोटे बच्चों और बुजुर्ग मां व पिता की ओर बेबसी से देखते हुए सामान लादे वह माथे का पसीना पोछते हुए जीने की ओर बढ़ गए। यह तो केवल उदाहरण है, दर्जनों यात्रियों का यही हाल था।
सुरक्षा पर यात्रियों का भी रखा जाए ध्यान
यात्रियों का कहना है कि वीवीआइपी आने पर रेल व पुलिस प्रशासन उनकी व्यवस्था तो करें परंतु आम यात्री ना परेशान हो इसका भी ध्यान रखें। इसका ध्यान ना तो रेल प्रशासन रखता है और ना ही स्थानीय प्रशासन रखता है।केवल वह इस बात का ध्यान रखता है कि वीआईपी यात्री सुरक्षित आए और सुरक्षित चला जाए।अब गुरुवार को फिर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ मोहन भागवत का कानपुर सेंट्रल स्टेशन से प्रस्थान होना है कल फिर कुछ ऐसे ही हालात होंगे की यात्री इधर से उधर भटकेंगे और सुरक्षा व्यवस्था के चलते सेंट्रल स्टेशन को पूरी तरह से घेरे में प्रशासन ले लेगा ।यात्रियों ने कहा की जिस प्लेटफार्म पर वह आ रहे हैं वहां की तो सुरक्षा के लिए ठीक है। परंतु रास्ते में भी यात्रियों को रोक दिया जाता है।उनकी ट्रेन छूट जाए या वह कहीं ना जा पाए इससे किसी को कोई मतलब नहीं होता है इस बात को लेकर यात्रियों में काफी आक्रोश व्याप्त है।