केशव मधुवन सेवा समिति की ओर से केशव नगर के रामेष्ट धाम में सिंदूर शौर्य काव्योत्सव का आयोजन किया गया। इसमें कवियों ने ओजस्वी रचनाएं पढ़कर वातावरण को राष्ट्र भक्ति से भर दिया। हर कवि की रचना पर श्रोताओं ने देर तक तालियां बजाईं।
भारत माता की जय से फूटी कविताओं की धार
भारत माता की जय के साथ कवि गोष्ठी की शुरुआत हुई। इसमें कविताओं की ऐसी धारा फूटी कि श्रोता तालियां बजा कर रचनाकारों का उत्साहवर्धन करते रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने की। संचालन राजेन्द्र अवस्थी ने किया।
.. जब कभी मैं गीत गाऊं देश का नाम आए
कवि राजेन्द्र अवस्थी की सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुए काव्योत्सव में युवा कवि शशांक "साक्षर" ने अपनी रचना- देश से पाया जो भी वो देश के काम आए, जब कभी मैं गीत गाऊं देश का नाम आए, प्रस्तुत की।
.. वो एक वीर के खून से लिखी कहानी है
प्रतिष्ठित कवयित्री डॉक्टर सुरभि मिश्रा ने अपनी पंक्तियां- वो रंग नहीं जो तुमने दीवारों पर देखें हैं, वो एक वीर के खून से लिखी कहानी है, प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।
.. भारत के बच्चे बचपन में खेला करते हैं शेरों से
वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने अपनी रचना- हमने तोड़े हैं चक्रव्यूह, निकले हैं उनके घेरों से, भारत के बच्चे बचपन में खेला करते हैं शेरों से, पढ़ कर खूब तालियां बटोरीं।
देश की आन पर जान जाए तो जाए
कार्यक्रम संयोजक एवं कवि राजेन्द्र अवस्थी ने अपनी रचना- प्रण करें हम सभी देश की आन पर जान जाए तो जाए हटोगे नहीं, आपरेशन सिंदूर ने साबित किया गर बटोगे नहीं तो काटोगे नहीं, पढ़ कर काव्योत्सव को ऊंचाइयां प्रदान की। राष्ट्रवादी कविताओं की इस धारा को कवि शिवा अवस्थी, राजेश सिंह, डॉक्टर प्रदीप त्रिपाठी ने आगे बढ़ाया।
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर जयराम दुबे, श्याम बिहारी शर्मा, वी के दीक्षित, कृष्ण मुरारी शुक्ला, राज कुमार शर्मा, चन्द्र भूषण मिश्रा, सीमा शुक्ला, जयंती बाजपेई, राजलक्ष्मी आदि गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।