पहलगाम की आतंकी घटना में जान गंवाने वाले कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिजन शुक्रवार को प्रधानमंत्री के भावुक और अभिभावक वाले अंदाज को देखकर अपनी अकेली उस मांग को भूल गये जिसमें उन्होंने कहा था कि शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाए। उनमें नरेन्द्र मोदी से मिलकर सीधा संवाद करने की ललक इतनी तेज थी कि उसके आगे उन्हें यह याद ही नहीं रहा।
चकेरी एयरपोर्ट पर मोदी से मिले शुभम के परिजन
शुक्रवार को जब चकेरी एयरपोर्ट पर जब शुभम के परिजनों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई तो एक सपने को पूरा होता देख परिवार के लोग प्रधानमंत्री से ज्यादा बात ही नहीं कर सके। बस आपरेशन सिंदूर को सफल बताते हुए इनकी आंखों में आंसू भर आये।
परिजनों से अभिभावक की तरह मिले पीएम
प्रधानमंत्री ने एक अभिभावक की तरह शुभम के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान शुभम की पत्नी एशान्या व शुभम के माता पिता के सामने दुख जताकर इन्हें सान्त्वना दी।
एशान्या से कहा, आतंकियों के खिलाफ जारी रहेगा अभियान
चकेरी एयरपोर्ट पर शुभम के परिजनों से मुलाकात करने के दौरान शुभम की पत्नी एशान्या ने जब पीएम को आपरेशन सिन्दूर की सफलता पर बधाई दी तो भावुक होते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आपने जो खोया है उसकी भरपाई नहीं हो सकती लेकिन आतंकवाद के खत्म होने तक आपरेशन सिन्दूर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सेना को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की खुली छूट दी गयी है। आतंकवाद का समूल नाश किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई लम्बी है और आगे भी चलेगी। प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए शुभम की पत्नी व परिजनों को एक बार फिर मुलाकात करने का भरोसा दिया।
पहलगाम की आतंकी घटना में मारे गये थे शुभम
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों की गोली का शिकार हुए शुभम द्विवेदी के परिजनों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चकेरी कानपुर में मुलाकात की। हालांकि सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री के समक्ष शुभम को शहीद का दर्जा देने की बात पर प्रशासन और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने परिवार को काफी समझाया है कि इस विषय पर कोई चर्चा न की जाए। आपको बता दें की शुभम के परिजन घटना के बाद से शुभम को शहीद का दर्जा देने की बात करते रहे हैं।
नेताओं ने ऐसे समझाया परिजनों को
कानपुर शहर में 24 अप्रैल को मेट्रो के नए रूट का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आना था लेकिन पहलगाम की घटना के बाद उनका ये कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। इस आतंकी वारदात में कानपुर शहर के शुभम द्विवेदी की भी जान गई थी। शुभम के परिजन कानपुर के महराजपुर विधानसभा के हाथीपुर के रहने वाले हैं। घटना के बाद से परिजनों की मांग थी कि शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाना ही उनकी प्रमुख मांग है। हालांकि सरकार और प्रशासन की तरफ से परिजनों को शहीद के दर्जे को लेकर आ रही टेक्निकल परेशानियों के बारे में उनको बताया गया था लेकिन परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे।
महाना पर था परिजनों को मनाने का जिम्मा
सूत्रों के मुताबिक शुभम द्विवेदी के परिजन इस बात पर भी अड़े थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कानपुर के दौरे के समय मोदी उनके घर पर सांत्वना देने आएं। ऐसे समय में पीएम के दौरे से कोई गलत राजनीतिक संदेश समाज में जाए, उससे बचने के लिए भाजपा संगठन ने परिजनों को समझाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को लगाया। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल के मुताबिक प्रधानमंत्री से शुभम के कितने परिजन मिलेंगे और उनकी मुलाकात कहाँ होगी, इसकी जिम्मेदारी सतीश महाना को सौंपी गई, क्योंकि महाना के विधानसभा क्षेत्र में ही शुभम के परिजनों का निवास है, इसलिए इस काम के लिए पार्टी ने उनको ही जिम्मेदारी दी। पीएम के दौरे के एक दिन पहले तक परिजनों के मिलने का स्थान तय नहीं हो पाया था। गुरुवार देर शाम को पहले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक उनके श्याम नगर आवास पहुँचे फिर सतीश महाना ने परिजनों से बात करके सारी वस्तुस्थिति से परिजनों को अवगत कराया। तब जाकर परिजनों के मुलाकात का समय और स्थान तय हो पाया। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक पहले परिजन परिवार के कई सदस्यों को पीएम से मुलाकात की बात कर रहे थे लेकिन पीएमओं से मिलने वालों की जो संख्या शहर प्रशासन को भेजी गई है उसमें शुभम के पिता संजय द्विवेदी, माता जी और शुभम की पत्नी एशान्या का नाम रखा गया। शुभम के पिता संजय द्विवेदी का कहना है कि तीन लोगों को पीएम नरेंद्र मोदी से चकेरी एयरपोर्ट पर मुलाकात की सूचना दी गई है। शहीद के दर्जे की मांग के सवाल पर संजय चुप्पी साध जाते हैं। हालांकि इस बात की पार्टी के अंदर चर्चा है कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दी गई जिम्मेदारी को पूरी सफलता के साथ पूरा किया है।
शुभम के चाचा की नहीं हो सकी प्रधानमंत्री से मुलाकात
जानकार सूत्रों की मानी जाये तो आतंकी हमले में मारे गये शुभम द्विवेदी को मुखाग्नि देने के साथ ही 13 दिन तक अंतिम संस्कार के पूरे कर्मकांड करने वाले शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी की प्रधानमंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी। पीएमओ से शुभम के परिवार के सदस्यों की सूची मांगी गयी थी, जिनकी कानपुर प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात होनी थी। बताया गया है कि इस सूची में शुभम का अंतिम संस्कार करने वाले उनके चाचा मनोज द्विवेदी का नाम भी भेजा गया था लेकिन शुक्रवार को पीएमओ से जो सूची फाइनल होकर आयी उसमें मनोज द्विवेदी का नाम नहीं था। केवल शुभम की पत्नी एशान्या, उनके पिता संजय द्विवेदी तथा माता को प्रधानमंत्री से मिलने की अनुमति दी गयी, जिसके चलते मनोज की मुलाकात प्रधानमंत्री से नहीं हो सकी।