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kanpur news_दुर्घटना में तीन की मौत के बाद गांव में सन्नाटा,कई घरों में नहीं जले चूल्हे

कानपुर के घाटमपुर में बारात से लौट रहे तीन लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को जियापुर गांव मेें सन्नाटा पसरा रहा। पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचे तो हर तरफ रोने की आवाजें आने लगीं।

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Saras Bajpai
दुर्घटना में गांव के तीन लोगों की मौत के बाद गांव में पसरा सन्नाटा।

दुर्घटना में गांव के तीन लोगों की मौत के बाद गांव में पसरा सन्नाटा। Photograph: (कानपुर वाईबीएन)

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, वाईबीएन संबाददाता।

कानपुर के घाटमपुर में बारात से लौट रहे तीन लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को जियापुर गांव मेें सन्नाटा पसरा रहा। पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचे तो हर तरफ रोने की आवाजें आने लगीं।स गांव से जब एकसाथ तीन अर्थी उठी तो सभी की आंखे नम हो गई। चचेरे भाई समेत तीन मजदूरों की मौत से परिजन बेहाल दिखे। तीनों परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर माने जाते हैं।

जल्दी वापस आने की बात कहकर घर से गए थे

हादसे के शिकार श्री पाल के घर के बाहर मौजूद लोगों के सामने श्री पाल की पुत्री संगीता का कहना था कि कह कर गए थे, कि वह जल्दी वापस आएंगे, श्री पाल की मौत के बाद से उनके नौ बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। मां को बच्चे दिलासा दे रहे थे। श्री पाल के घर से कुछ दूर पर ही मृतक नरेंद्र का घर है यहां लोगों का कहना था कि नरेंद्र ने गांव के रहने वाले रामकिशोर से दो बीघा गेहूं काटने का काम कर रहे थे। वह कहकर गए थे, कि वह बारात से रात में वापस आ जाएंगे, इसके बाद सुबह जल्दी गेहूं काटने जाना है।इसी तरह मृतक धर्मेन्द्र के घर के बाहर रहने वालों का भी रोकर बुरा हाल था।

एक साथ उठे तीनों के शव

बताया गया है कि सुबह से ही गांव में सन्नाटा पसरा था गांव के लोग इन तीनों के घरों के आसपास ही मौजूद थे। तीनों मजदूरों के शव एक साथ गांव से निकले तो हर तरफ चीत्कार मची थी। इनके शवों का अंतिम संस्कार शुक्रवार को यमुना नदी किनारे स्थित रामपुर घाट पर किया गया।

घरों में नहीं जले चूल्हे, पसरा पड़ा सन्नाटा

एक ही गांव में तीन मजदूरों की मौत के बाद से गांव के घरों में चूल्हे नहीं जले है। गांव में मातम छाया हुआ है। गांव की गलियों में हर तरफ सन्नाटा दिखाई दे रहा है। यहां पर पहले गलियों में बच्चे खेल कूदा करते थे, गलियों के बाहर दोपहर में लोग चारपाई डालकर पेड़ो की छांव में आराम करते थे। तीन मौत के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। बच्चे घरों के भीतर ही बैठे रहे।

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