कानपुर, अनिल सैनी
अपने ही गिराते हैं नशेमन पर बिजलियां..., दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है...। पांच दशक पुरानी फिल्म ''आखिर क्यों'' का यह गीत मौजू समय में कानपुर कमिश्नरेट के थाना ककवन पर एकदम सटीक बैठ रहा है। यहां थाना प्रभारी अपने अधीनस्थ स्टाफ के लिए शायद यही गीत गाते हुए फिल्म का नाम लेकर बोल रहे होंगे आखिर क्यों? तो दूसरी ओर थाने का स्टाफ भी शायद इसी गीत से खुद पर बीतने वाले पल याद कर रहे होंगे। फिलहाल थाने के अधीनस्थ स्टाफ ने अब इंस्पेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनकी कारगुजारी की शिकायत उच्चाधिकारियों से की है। सब इंस्पेक्टर से लेकर महिला सिपाही तक ने गुहार लगाई है कि, महोदय- या तो हमे इस थाने से स्थानांतरित कर दीजिए या फिर थाना प्रभारी काे हटा दीजिए।
पूरे पुलिस महकमे मचा हड़कंप
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस महकमे में उस वक़्त हड़कंप मच गया ज़ब ककवन थाने के कर्मियों ने अपने अधिकारी प्रभारी पर आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र भेजकर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह शिकायत ककवन थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर अक्षय गौड़, वरुण कुमार, धीरेन्द्र यादव प्रवीन राव, उदयपाल पांडेय महिला कांस्टेबल पूजा चौधरी सहित समस्त स्टॉफ की ओर से की गई है। शिकायती पत्र के आधार पर पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने एडीसीपी पश्चिम विजेंद्र द्विवेदी को मामले की जांच सौपी है और निष्पक्ष रिपोर्ट तलब की है।
क्या है शिकायती पत्र में
पुलिस आयुक्त की ओर से जांच के लिए आदेशित पत्र में कहा गया है कि शिकायतकर्ता पुलिस कर्मियों ने ककवन थाना प्रभारी पर जबरन वसूली कराने, अभद्रता करने व रुपयों की मांग का आरोप लगाया है। पुलिस कर्मियों का कहना है कि थाना प्रभारी साहब हम सब स्टाफ के लोगों से क्षेत्र में वसूली करने का दबाव बनाते हैं। वह कहते है क्षेत्र में जाओ उगाही करो लूटमार करो कुछ भी करो हमको पैसा चाहिए, नहीं दोगे तो साहब से शिकायत करके कार्यवाही करा दूंगा। आरोप लगाया है कि थाना प्रभारी रुपयों की मांग कर गाली गलौज करते हैं। हम सब लोगों को भद्दी भद्दी गलियां देते हैं, स्टाफ ही नहीं क्षेत्र की जनता भी उनसे त्रस्त है। पुलिस कर्मियों का यह अभी कहना है कि या तो थाना प्रभारी का स्थानांतरण कर दीजिए या फिर हम लोगों का यहां से किसी और थाने में भेज दीजिए, थाना प्रभारी की मांगों को हम लोग पूरा नहीं कर पाएंगे।
महकमे की फजीहत से अफसर भी चुप
ककवन थाने के पुलिसकर्मियों की शिकायत के बाद पुलिस महकमे की फजीहत हो गई, जिसके चलते अफसर भी मामले को सामने लाने में चुप्पी साधे हैं। इस बारे में पूछने पर एडीसीपी पश्चिम विजेंद्र द्विवेदी पहले तो कुछ बोलने से कतरते रहे लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि ककवन थाने की पुलिस कर्मियों की शिकायत पर मामले की जांच करने का निर्देश मिला है। ककवन थाने में सभी कर्मियों के बयान और साक्ष्य लेने के बाद जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी जाएगी, यदि आरोपों में सत्यता मिलेगी तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर ककवन थाना प्रभारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को असत्य व निराधार बताया है।
18 मार्च को दिया था शिकायती पत्र
ककवन में तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा 18 मार्च को पुलिस आयुक्त को शिकायती पत्र दिया गया था। शिकायती पत्र दिए करीब 1 महीने होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक जांच भी शुरू नहीं हो सकी है। जब विभागीय शिकायत में जांच में इतनी देरी होती है तो अाम जनता की शिकायतों की जांच में देरी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।