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शबद कीर्तन से संगत को निहाल करते संत और गुरमत समागम में जुटे लोग। Photograph: (फोटो-वाईबीएन)
कानपुर, वाईबीएन संवाददाता
गुरु तेग बहादुर की आने वाली 350वीं शताब्दी शहादत को समर्पित एक विशाल संगत जोड़ मेला (गुरुमत समागम) सोमवार शाम मोतीझील के लाजपत लाँन में हुआ। गुरु तेग बहादुर जी के पावन प्रकाश पर्व को समर्पित इस कार्यक्रम में कानपुर के विभिन्न गुरूद्वारों के स्त्री सतसंग की बहनों ने भी गुरू जी की वाणी श्लोक महला 9वां का पाठ व सिमरन किया। इस मौके पर गुरु सिंह सभा के प्रधान हरविन्दर सिंह लाट ने मूल मंत्र का पाठ कर पहलगाम के आतंकी हमले में मारे गए लोगों की आत्मशांति के लिए अरदास कराई।
शबद कीर्तन से किया संगत को निहाल
संत समागम में विशेष रूप से आए पटना वाले भाई सरबजीत सिंह ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। उन्होंने गाया- हम बैठै तुम देउ आसीसा, हम पापी तुम पाप खंडन। सा धरती भई हरिआवली जिथै मेरा सतगुरू बैठा आये। साधो मन का मान तिआगो। दिल्ली से आये भाई जगजीत सिंह बबीहा ने शबद गाया- गुरू तेग बहादुर सिमरिये, घर नउ निधि आवै धाए, सब थाई होए सुहाए तथा गुन गोविन्द गाये नहीं, जनम अकारथ कीनु ! साधौ रचना राम बनाई जगत भिखारी फिरत है, सभ को दाता राम।
इतिहास से जुड़ी प्रदर्शनी भी लगाई
इस अवसर पर इतिहास से जुडी एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। मंच का संचालन गुरूदीप सहगल, मनप्रीत भट्टी ने किया। स्त्री सतसंगों का सम्मान किया गया। अशोक अरोड़ा, नीतू सिंह, कर्मजीत बावा, अमरजीत सिंह पम्मी ने संगतों का धन्यवाद किया। चन्द्र असरानी, कुलवंत सिंह पप्पी, अमरजीत सालुजा, रजिन्दर काके, रौनक, सतनाम सिंह, सुरेन्दर पाल सिंह व विशेष यंग मैन सिख एसोशियेश्न ने छवील व लंगर की व्यवस्था संभाली। यह कार्यक्रम आशोक अरोड़ा व उनके परिवार, भाई संतोख सिंह तलवार व उनके परिवार तथा सिख पंजाबी वेलफेयर सोसाईटी की ओर से आयोजित किया गया।