कानपुर वाईबीएन संवाददाता।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जानकारी पर शुभम के परिजन काफी देर जम्मू कश्मीर पुलिस के सामने गिडगिड़ाते रहे लेकिन एक भी पुलिसकर्मी उनकी मदद के लिए आगे नही आया। हमले की जानकारी देने पर दो पुलिस कर्मी यह कहकर वहां से चले गये कि यहां फायरिंग नहीं होती है किसी ने तुम्हे गलत सूचना दी है। यह बात रविवार को परिवार में शोक संवेदना व्यक्त करने गये कानपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारियों के सामने हमले में मारे गये शुभम द्विवेदी के पिता ने कही।
बताते चले कि बाइस अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर सत्ताईस सैलानियों की हत्या कर दी थी। जिसमेें कानपुर के महराजपुर थाना क्षेत्र के हाथीपुर में रहने वाले शुभम द्विवेदी भी शामिल थे। आतंकियों ने पहली गोली शुभम को ही मारी थी। शुभम के पिता का कहना था कि जिस समय शुभम व उसकी पत्नी काफी पी रहे थे उसी समय एक आतंकी ने आकर शुभम से उसका धर्म पूछा हिन्दू हो या मुसलमान एक बार जवाब न देने पर आतंकी ने फिर वही बात दोहराई और मुसलमान हो तो कलमा पढ़ो। शुभम द्वारा हिन्दू होने की बात कहने पर आतंकी ने पत्नी के सामने ही शुभम को गोली मार दी।
बीच रास्ते से लौट आए थे शुभम के पिता सहित छह लोग
शुभम के पिता का कहना है कि तेईस अप्रैल को ही उन्हें कश्मीर से वापस कानपुर आना था। वह लोग शुभम की इच्छा पर पूरे परिवार के साथ कश्मीर घूमने गये थे। इनके साथ कुल तेरह सदस्य थे। जिसमें शुभम उसकी पत्नी शुभम की मां उसके सास ससुर साली सहित तेरह लोग शामिल थे। पहलगाम से पांच किलो ऊपर स्थित हिल में जाने के लिए वह सभी लोग घोड़े से निकले थे। लेकिन पहले ही स्टापेज के बाद परिवार के छह सदस्यों की हिम्मत टूट गयी और वह लोग वापस नीचे आने की बात कहने लगे इसपर घोड़े वाले ने बहुत जिद की कि वह लोग लौटे नहीं बल्कि मिनी स्विटजरलैंड कही जाने वाली इस हिल पर जाएं लेकिन दस मिनट तक बहस करने के बाद बमुश्किल घोटे वाला वापस लौटने को तैयार हुआ तो वह लोग वापस आ गये। शुभम उसकी पत्नी व साली आदि आगे चले गये थे। जहां शुभम पर आतंकी हमला किया गया।
पांच मिनट पहले ही आया था शुभम का फोन कहा था साथ खाना खाएंगे
उनका कहना है कि वह लोग नीचे आकर चाय नाश्ता कर रहे थे। तभी शुभम का फोन आया और उसने हालचाल लेने के बाद यह भी यह भी कहा कि वह हिल पर पहुंच गया है। कुछ ही देर में नीचे उतर आयेगा तब सब लोग साथ बैठकर खाना खायेंगे। शुभम के फोन के करीब पांच मिनट बाद ही उसकी पत्नी एशन्या का फोन आया और उसने रोते हुए बताया कि आतंकवादियों ने शुभम को गोली मार दी है।
यहां नहीं चलती गोली कहकर लौट गए कश्मीर के पुलिस कर्मी
शुभम के पिता ने प्रेसकल्ब के पदाधिकारियों को बताया कि वह घबराकर कुछ दूर पर खड़े जम्मू कश्मीर के दो पुलिसकर्मियों के पास गये और आतंकियों द्वारा बेटे को गोली मारने की बात बतायी। तो इन पुलिसकर्मियों ने साफ कहा कि यहां पर गोली नही चलती है। आपको किसी ने गलत सूचना दी है। यह कहकर पुलिसकर्मी यहां से कही चले गये। इसके बाद शुभम के ससुर करीब दो सौ मीटर दूर पहलगाम थाने पहुंचे और आतंकियों द्वारा शुभम को गोली मारने की जानकारी दी। तो उन पुलिस कर्मियों ने भी यहां गोली न चलने की बात कही। और तो दूर कई बार कहने के बाद भी थाने से कोई पुलिसकर्मी उनके साथ आया भी नही।
बेटे को दिया जाये शहीद का दर्जा
शुभम के पिता का कहना है कि उन्होंने केवल एक ही मांग रखी है कि उनके बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाये। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी को भी मांग पत्र दिया है और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना जी को भी। जिलाधिकारी ने इस पत्र को शासन में भेजने की बात कही और विधानसभा अध्यक्ष बाहर गये थे। उन्होने कहा था कि वह पांच मई तक इस मामले में कुछ ठोस जानकारी देंगे। उनका कहना है कि वह केवल यह चाहते है कि उनके बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाये और आतंकियों पर इतनी कठोर काररवाई की जाये कि वह दोबारा किसी बेटे की जान छीनने की हिम्मत न जुटा सके।
राहुल गांधी ने शुरू किया शहीद का दर्जा दिलाने का प्रयास
इस बीच जानकारी मिली है कि महराजपुर में शुभम के घर शोक संवेदना व्यक्त करने आये कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुभम के पिता की मांग पर शुभम को शहीद का दर्जा दिलाये जाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए है। राहुल गांधी ने ट्वीट पर अपने प्रयास को साजा किया है। लोकसभा अध्यक्ष अोम बिड़ला ने भी शुभम के पिता को पत्र लिखकर घटना पर दुख जताया है। हिमांचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने भी यह भरोसा दिया है कि वह शुभम को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलेंगे।
शुभम के परिजनों से मिले कानपुर प्रेस कल्ब के पदाधिकारी व सिंधी समाज के लोग
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले शुभम द्विवेदी के परिजनों से आज कानपुर प्रेस क्लब ने मुलाकात की। जिसमे मृतक शुभम के पिता ने बताया कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है हमारे बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाए। जिसपर प्रेस क्लब अध्यक्ष सरस बाजपेयी और महामंत्री शैलेश अवस्थी ने उनकी बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर वरिष्ठ मंत्री मोहित दुबे, मंत्री शिवराज साहू, कार्यकारिणी सदस्य मयंक मिश्रा, उत्सव शुक्ला मयूर, शैलेन्द्र त्रिपाठी आदि पत्रकार मौजूद रहे।
रविवार को कानपुर सिंधी समाज के लोगों ने भाजपा के वरिष्ठ नेता आनन्द राज्यपाल की अगुवाई में शुभम के घर जाकर शुभम को श्रंदाजलि दी और उनके पिता व चाचा से शोक संवेदना व्यक्त की। इन लोगों ने शुभम को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग का समर्थन किया। श्री राजपाल ने परिवार के सदस्यों से कहा कि वह तथा उनका समाज हर समय उनके साथ खड़ा है।