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जिलाधिकारी के सामने खुली शिक्षा विभाग के अधिकारियों की पोल

जिलाधिकारी शनिवार को बिधनू ब्लाक के हड़हा प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे तो यहां शिक्षा विभाग के अधिकारियों की पोल खुल गई। दो साल से विद्यालय में शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी निरीक्षण करने ही नहीं पहुंचा था।

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Saras Bajpai
डीएम का निरीक्षण

बिधनू ब्लाक के स्कूल के निरीक्षण के दौरान शिक्षिका से जानकारी लेते जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह। Photograph: (बाईबीएन न्यूज नेटवर्क)

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कानपुर वाईबीएन संवाददाता।

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जिलाधिकारी शनिवार को बिधनू ब्लाक के हड़हा प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे तो यहां शिक्षा विभाग के अधिकारियों की पोल खुल गई। दो साल से विद्यालय में शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी निरीक्षण करने ही नहीं पहुंचा था। विद्यालय में व्यवस्था संबंधी खामियां ही खामियां मिलीं। जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है माना जा रहा है कि जल्दी जिलाधिकारी का शिकंजा शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी कस सकता है।

 

विद्यालय में डीएम को मिले केवल पंद्रह बच्चे

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जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह शनिवार को दोपहर करीब एक बजे अचानक ही बिधनू ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय हड़्हा पहुंच गये। अचानक डीएम को अपने बीच पाकर कर्मचारी अवाक रहे गये और यहां मौजूद बच्चों में कौतूहल मच गया। सभी बच्चे कनखियों से डीएम साहब को देखने का प्रयास करते देखे गए। इस समय विद्यालय में पंजीकृत 26 छात्रों के सापेक्ष केवल 15 छात्र ही उपस्थित पाए गए। बच्चों की कम संख्या पूछने का उन्हें कोई ठोस कारण नहीं बताया जा सका।

 

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लगातार गिर रही बच्चों की संख्या

 

 

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निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को पता चला कि पिछले दो वर्षों में छात्र संख्या में निरंतर गिरावट आई है। अक्टूबर 2023 में भी यह संख्या 41 से घटकर और कम रह गई थी, जबकि शासन स्तर पर "स्कूल चलो अभियान" सहित कई प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। विद्यालय की अध्यापिका श्रीमती सपना एवं अन्य शिक्षकों द्वारा समुदाय में बच्चों को विद्यालय में नामांकित कराने हेतु प्रयास किए गए, परंतु अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी है।निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि मिड-डे मील का सेम्पल सुरक्षित रखने का जो निर्देश है, उसका पालन नहीं किया गया था, जिससे भोजन की गुणवत्ता का मूल्यांकन नहीं किया जा सका।

 

दो साल में शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी ने नहीं किया निरीक्षण

 

निरीक्षण में जिलाधिकारी को यह भी पता चला कि शासन स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा विद्यालय का नियमित निरीक्षण किए जाने की अपेक्षा रहती है लेकिन अक्टूबर 2023 के बाद से किसी भी अधिकारी द्वारा विद्यालय निरीक्षण नहीं किया गया। पिछला निरीक्षण भी एक चिकित्सक (डॉक्टर) द्वारा किया गया था।

 

नहीं मिली राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम

 

बताया गया है कि निरीक्षण के दौरान विद्यालय में आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) टीम की उपस्थिति भी नहीं पाई गई, जबकि उनकी उपस्थिति आवश्यक होती है। विद्यालय में वर्तमान में 26 छात्र पंजीकृत हैं, जिनमें दो शिक्षा मित्र तथा एक अध्यापक कार्यरत हैं। ऐसे में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए संसाधनों का और बेहतर उपयोग संभव है।

 

शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दें अधिकारी

 

जिलाधिकारी ने बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने हेतु गंभीर प्रयास करें।निरीक्षण के दौरान विद्यालय परिसर में पानी की टोटी टूटी पाई गई, जिसे तत्काल ठीक कराने के निर्देश दिए गए।विद्यालय परिषद के बाहर कुछ बच्चे खड़े पाए गए, जिन्होंने बताया कि वे स्कूल से वापस आ रहे हैं। जिलाधिकारी ने बच्चों से अच्छे से पढ़ाई करने की प्रेरणा दी।

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