सके बाद भी अधिकारियों ने इनका आंदोलन खत्म कराने को कोई पहल नहीं की है, जबकि लेखपालों ने 22 अप्रैल से संपूर्ण कार्य बहिष्कार की चेताउत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के बैनर तले लेखपालों का ऑनलाइन कार्य का बहिष्कार जारी है। शनिवार को लेखपालों के आंदोलन का पांचवा दिन था। लेखपालों के आंदोलन से सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। इवनी दे रखी है।
28 सूत्री मांगों को लेकर कर रहे हैं आंदोलन
लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष नरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि लेखपाल अपनी 28 सूत्री मांगों को लेकर काफी समय से संघर्ष कर रहे हैं। कोई सुनवाई न होने पर उन्होंने 15 अप्रैल से आनलाइन कार्यों का बहिष्कार शुरू किया है, पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। इस संदर्भ में कई बार सरकार व जिला अधिकारी को अवगत भी कराया गया परंतु किसी ने कोई भी ध्यान नहीं दिया।
प्रभावित हो रहा रोज पांच हजार प्रमाणपत्र बनाने का काम
उन्होंने बताया कि उनके आनलाइन कार्य बहिष्कार के चलते प्रतिदिन 5000 से ज्यादा प्रमाण पत्र बनाने का कार्य प्रभावित हो रहा हैं। जिला अध्यक्ष नरेंद्र तिवारी का कहना है कि बीती एक अप्रैल को जिला अधिकारी को 28 सूत्री मांग पत्र दिया था। कोई सुनवाई न होने पर 15 अप्रैल से सभी लेखपालों ने ऑनलाइन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया था।
फिर दी 22 से संपूर्ण कार्य बहिष्कार की चेतावनी
उन्होंने जिला प्रशासन को फिर चेताया कि अगर 21 अप्रैल तक कोई सुनवाई नहीं होती है तो 22 अप्रैल से शहर की चारों तहसील के लेखपाल संपूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे। इस दौरान लेखपाल धरना प्रदर्शन कर आंदोलन तेज करेंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। लेखपाल संघ के नेताओं ने कहा कि अगर जल्द ही सरकार नहीं चेती तो लेखपाल अपना आंदोलन प्रदेश स्तर पर ले जाएंगे।
ये शामिल हैं आंदोलन में
इस कार्य बहिष्कार में लेखपाल नरेंद्र कुमार तिवारी, कृष्ण कुमार मिश्रा, विपिन साहू, प्रभांशु द्विवेदी, अभिनव बाजपेई, सुनील शर्मा, माधवी द्विवेदी आदि लेखपाल शामिल हैं।