मण्डलायुक्त के. विजयेंन्द्र पाण्डियन ने शुक्रवार को गेहूं की सरकारी खरीद की समीक्षा की तो यह जानकर चौंक पड़े कि उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) ने रबी क्रय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत 13 स्वीकृत क्रय केंद्रों पर अब तक मात्र 5.67 प्रतिशत गेहूं खरीद की है। इस पर मण्डलायुक्त ने कड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने कम खरीद वाली एजेंसी और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में मंडलायुक्त बोले, तय की जाए जवाबदेही
मण्डलायुक्त के. विजयेंन्द्र पाण्डियन की अध्यक्षता में शुक्रवार को उनके शिविर कार्यालय में बैठक हुई। इसमें गेहूं की सरकारी खरीद की समीक्षा के दौरान मण्डलायुक्त ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप गेहूँ क्रय की गति बढ़ाई जाये। क्रय केंद्रों पर आने वाले किसानों की पूरी सहायता की जाये। गेहूँ क्रय में रुचि न लेने वाले विपणन निरीक्षकों की जवाबदेही तय की जाये। ग्रामों में जाकर किसानों से संवाद किया जाये। प्रतिदिन गेहूँ क्रय की प्रगति की समीक्षा की जाये। अन्य सम्बंधित विभागों से समन्वय बनाकर कार्य किया जाये। उन्होंने सम्बंधित को निर्देश दिए कि गेहूँ क्रय में विपणन विभाग का पूर्ण सहयोग किया जाये। विपणन निरीक्षक के साथ प्रतिदिन क्रय की समीक्षा की जाये।
जताई नाराजगी, दी कड़ी चेतावनी
गेहूं खरीद में लापरवाही पर मंडलायुक्त ने उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) को कड़ी चेतावनी दी। कम खरीद करने वाले सम्बंधित एजेंसी और अधिकारियो के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी जारी करने के सम्बंधित को निर्देश दिए।
सबसे अधिक रहा भारतीय खाद्य निगम का खरीद प्रतिशत
इस अवधि में अब तक भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेहूं खरीद प्रतिशत सबसे अधिक 36.28 है, जबकि मंडी परिषद द्वारा इसके केवल 5 क्रय केंद्रों पर ही खरीद की गयी। मण्डलायुक्त ने समस्त अधिकारियों को अगले एक सप्ताह में खरीद लक्ष्य पाने के निर्देश दिए व कम खरीद पर सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। मण्डल में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 प्रति कुंतल के आधार पर 17 मार्च 2025 से 15 जून 2025 तक की क्रय अवधि है। मण्डल में क्रय हेतु कुल 17842 कृषक पंजीकृत हैं।