कानपुर देहात में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में बिना शादी किए योजना का लाभ लेना भारी पड़ गया। मामले में वर वधू समेत चार लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। अब इन्हें योजना का जो लाभ मिला था, उसकी वसूली की जाएगी। इस प्रकरण में जिले के प्रभारी मंत्री ने नाराजगी जाहिर की थी।
प्रभारी मंत्री ने जताई थी नाराजगी
राजपुर नगर पंचायत में एक मार्च को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था। इसमें रसूलाबाद के तुलसी नगर निवासी मुस्कान और गोपाल का पंजीकरण हुआ था। समारोह के दौरान वर-वधू पक्ष ने विवाह की रस्में पूरी करने से मना करते हुए कहा था कि वह सिर्फ योजना का लाभ लेने आए हैं। शादी 25 अप्रैल को करेंगे। अब इन्हें योजना का जो लाभ मिला था, उसकी वसूली की जाएगी। जानकारी होने पर जिले के प्रभारी मंत्री ने इस पर नाराजगी जताई थी।
वधू की मां ने सरकारी गहनों की गुणवत्ता पर उठाए थे सवाल
वहीं वधू की मां ने सरकारी गहनों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। ये मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद जिले के प्रभारी मंत्री संजय निषाद ने संज्ञान लिया। उन्होंने अफसरों से इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। साथ ही प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई के निर्देश थे। अधिशासी अधिकारी ने जांच की तो मामला सही पाया गया।
इन पर दर्ज हुआ मामला
इस पर वधू मुस्कान, उसके पिता सत्यपाल, दूसरे पक्ष से गोपाल (वर) और उसके पिता पप्पू के खिलाफ राजपुर थाने में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। थानाध्यक्ष कालीचरन ने बताया कि समाज कल्याण अधिकारी की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है।
की जाएगी दोनों पक्षों से वसूली
इस बाबत समाज कल्याण अधिकारी गीता सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना गरीब परिवारों की मदद के लिए है। इसमें फर्जीवाड़ा वाले रसूलाबाद के प्रकरण की जांच कराई गई तो पता चला कि वर-वधू दोनों पक्ष सिर्फ योजना का लाभ लेने आए थे। उन्होंने शादी नहीं की। ये तथ्य सही पाए गए। मामले में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। दोनों पक्षों से नियमानुसार वसूली की जाएगी।