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समस्याओं की मारी आशा बहुओं ने पकड़ी आंदोलन की डगर

इन आशा बहुओं ने अपने अधिकारों और मांगों को लेकर आवाज उठाई, जिससे जिले में प्रशासनिक गतिविधियों पर गहरा प्रभाव पड़ा और लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ।

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Akhilesh Shukla
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डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करतीं आशा बहुएं।

डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करतीं आशा बहुएं। Photograph: (कानपुर वाईबीएन)

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कानपुर, वाईबीएन संवाददाता 

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उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के बैनर तले मंगलवार को सैकड़ों आशा बहूओं ने धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकार को ज्ञापन दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान न किया गया तो कामकाज ठप कर विधानसभा के आगे धरना-प्रदर्शन करेंगी। 

डीएम को दिया ज्ञापन, बोलीं- वेतन बहुत कम 

आशा बहूओं का नेतृत्व कर रही जिला अध्यक्ष उमा कुशवाहा ने बताया कि आशा बहूओं का न्यूनतम वेतन बहुत कम है। इससे उन लोगों को काफी समस्याएं हो रही हैं। सरकार न्यूनतम न्यूनतम वेतन बढ़ाए ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। साथ ही सरकारी अस्पतालों में भी सुविधा उपलब्ध कराएं। वहां पर गर्भवती महिलाओं को ले जाने पर आशा बहूओं को बैठने की भी कोई व्यवस्था नहीं होती है। इसलिए एक कमरे की व्यवस्था की जाए। 

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किया जाए स्थाई, मिले मेडिकल की सुविधा 

उन्होंने मांग की कि आशा बहूओं के उपचार के लिए मेडिकल फंड व अन्य तरह की सुविधा देने के साथ ही सरकारी कर्मचारी के रूप में स्थाई किए जाने की व्यवस्था की जाए। आशा बहुओं ने कहा कि उन लोगों के साथ सरकारी अस्पतालों में भेदभावपूर्ण नीति अपनाई जाती है जो पैसा सरकार से आता है, आशा बहुओं के नाम पर उसमें सीएससी और पीएससी वाले लोग बंदरबांट करते हैं। इससे आशा बहू का नुकसान होता है। 

तय किए जाएं काम के घंटे 

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आशा बहुओं ने कहा कि उन लोगों के काम के घंटे तय किए जाएं और उचित वेतनमान की व्यवस्था की जाए। अगर इसके बावजूद सरकार नहीं सुनती है तो वे लोग अपना-अपना काम बंद कर विधानसभा के सामने धरना देना शुरू कर देंगी।

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