कानपुर, वाईबीएन नेटवर्क (Kanpur News)
एक मोस्ट वांटेड गैंगस्टर अपराधी इतना शातिर होगा कोई सोच भी नहीं सकता। उसका ऐसा कारनामा सामने आया है कि सुनने वाला भी हैरान हो जाए, उसे पकड़ने में पुलिस आठ साल से चिकरघिन्नी बनी रही। कानपुर पुलिस महानिरीक्षक ने उसपर घोषित 25 हजार रुपये का इनाम बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया था। आखिर पुलिस को पचास हजार के इनामी गैंगस्टर अपराधी को गिरफ्तार करने में सफलता मिल ही गई।
एसटीएफ कर रही थी तलाश
कानपुर देहात के थाना गजनेर क्षेत्र में 2017 से वांछित यूपी गैंगस्टर का कुख्यात अपराधी सन्दीप पासी उर्फ इब्राहिम उर्फ इमरान की तलाश एसटीएफ भी कर रही थी। एसटीएफ और गजनेर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 27 अप्रैल को जिठरौली तिराहे के पास से उसे गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के समय वह प्रतीक्षालय में था और अपने साथियों का इंतजार कर रहा था। मूलरूप से रायबरेली के खजूर गांव का रहने वाले संदीप की उम्र लगभग 35 वर्ष है।
शराब तस्करी में गया था जेल
गैंगस्टर संदीप शराब की तस्करी करता था। उसने बताया कि शराब तस्करी में कानपुर नगर के 101/325 एस-ब्लाक किदवई नगर निवासी अपने साथी सुशील कुमार गुप्ता, बाराबंकी जिले के बड्डूपुर थाना क्षेत्र के मल्लावां निवासी अल्ताफ, शिवली थाना क्षेत्र के बैरी सवाई निवासी छोटे गौतम उर्फ नंदकिशोर और कानपुर नगर के बिधनू थाना क्षेत्र के चौराई निवासी सुशील गौतम उसके साथी थे। वह साथियों के साथ पकड़ा गया था और पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था।
जमानत पर छूटने के बाद कर लिया निकाह
उसने बताया कि जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद पता चला कि उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। इसके बाद वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अलग-अलग ठिकानों पर शरण लेता रहा। उसने फतेहपुर जिले के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के दरवेशाबाद गांव में सहीदुन्निशा नाम की महिला से निकाह कर लिया और उसी के साथ रहने लगा।
मुस्लिम नाम रखकर छिपाई पहचान
महिला से निकाह करने के बाद अपनी पहचान छिपाने के लिए नाम बदलकर इब्राहिम उर्फ इमरान कर लिया और सब्जी बेचने का काम करने लगा। यहां वह करीब सात-आठ साल से पहचान छिपाकर उसके साथ ही रहता रहा। बीते शनिवार को वह पुराने साथियों से मिलने के लिए गजनेर आया था। सूचना लगने पर एसटीएफ व पुलिस ने उसे धर दबोचा। फिलहाल,उसे न्यायालय में पेश किया गया है और आगे की विधिक कार्यवाही जारी है। पुलिस के मुताबिक काफी समय से फरार गैंगस्टर की सरगर्मी से तलाश थी। उसकी गिरफ्तारी के लिए कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।