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'अंगूरी भाभी' ने बताया अक्षय तृतीया का असली अर्थ, जानिए कैसे मनाती हैं

अक्षय तृतीया पर्व के अवसर पर लोकप्रिय टीवी शो 'भाभीजी घर पर हैं' की 'अंगूरी भाभी' यानी अभिनेत्री शुभांगी अत्रे ने बताया कि अक्षय तृतीया का अर्थ क्या है और इस दिन वह क्या-क्या खास काम करती हैं।

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Pratiksha Parashar
shubhangi atrey

अक्षय तृतीया पर्व के अवसर पर लोकप्रिय टीवी शो 'भाभीजी घर पर हैं' की 'अंगूरी भाभी' यानी अभिनेत्री शुभांगी अत्रे (Shubhangi Atre) ने बताया कि अक्षय तृतीया का अर्थ क्या है और इस दिन वह क्या-क्या खास काम करती हैं। एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि हिंदू धर्म में खास महत्व रखने वाले इस त्योहार को वे कैसे मनाती हैं। 

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क्या है अक्षय तृतीया का असली अर्थ?

इस दिन के महत्व के बारे में एक्ट्रेस शुभांगी अत्रे ने बताया, "लोग आमतौर पर इस दिन सोना या चांदी जैसी चीजें खरीदते हैं, लेकिन अक्षय तृतीया का वास्तविक अर्थ इससे कहीं अधिक गहरा है। माना जाता है कि आज के दिन आप जो भी काम करते हैं, उसका फल बढ़कर मिलता है, पुण्य का कभी क्षय नहीं होता। अक्षय का अर्थ ही है, जिसका कभी क्षय न हो।”

कितनी आध्यात्मिक हैं शुभांगी?

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शुभांगी ने बताया कि वह आध्यात्मिक हैं और अक्षय तृतीया के दिन पूजन के साथ ध्यान में अपना समय बिताती हैं, जिससे उन्हें शांति मिलती है। उन्होंने बताया, “इस दिन मैं देवी की पूजा करती हूं। मैं भगवान से जीवन की समस्याओं से लड़ने के लिए शक्ति मांगती हूं, इसके लिए प्रार्थना करती हूं।”

सोना-चांदी नहीं, यह चीज रखती है मायने

शुभांगी अत्रे ने बताया कि वह मानसिक और भावनात्मक रूप से खुद को तरोताजा करने के लिए क्या खास काम करती हैं। अभिनेत्री ने आगे कहा, “सोना और चांदी जैसी चीजें मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखती हैं। अक्षय तृतीया के दौरान मैं जिस चीज पर सबसे ज्यादा ध्यान देती हूं, वह है दृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति और आंतरिक शांति। मैं आत्मिक शांति के लिए समय देती हूं। क्योंकि इस दिन हम लोग जो भी काम करते हैं, वह हमेशा के लिए रहता है, कभी खत्म नहीं होता।”

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छोटी कोशिश देगी बड़ा परिणाम

शुभांगी अत्रे ने प्रशंसकों से इस दिन को सार्थक बनाने की अपील के साथ कहा, “आज के दिन की गई आपकी एक छोटी सी कोशिश भी बड़ा और सकारात्मक परिणाम देती है, यह आपके जीवन को बदल सकती है। इस दिन केवल घर में कुछ नया लाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए, बल्कि अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए, जो जिंदगी भर स्थायी बना रहता है।”

इनपुट: आईएएनएस

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