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एक्ट्रेस नीतू चंद्रा ने कहा- फिल्म इंडस्ट्री में पहले मुझे पुरुषों से कम मिला समर्थन

एक्ट्रेस नीतू चंद्रा ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री में असमानता और पुरुषों से समर्थन की कमी के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि कैसे लगातार प्रयासों और प्रतिभा के बावजूद उनके विचारों की अनदेखी की जाती थी और उनके योगदान को कमतर आंका जाता था। 

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YBN News
NeetuChandra

NeetuChandra Photograph: (ians)

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एक्ट्रेस नीतू चंद्रा ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्रीमें असमानता और पुरुषों से समर्थन की कमी के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि कैसे लगातार प्रयासों और प्रतिभा के बावजूद उनके विचारों की अनदेखी की जाती थी और उनके योगदान को कमतर आंका जाता था। 

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पुरुषों ने मेरे सपनों और क्षमताओं पर सवाल

इंटरव्यू में नीतू ने कहा, ''अक्सर पुरुषों ने मेरा साथ नहीं दिया। फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से पुरुषों ने मेरे सपनों और क्षमताओं पर सवाल उठाए। वे कहते थे कि मेरे पास कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है, तो मैं कैसे आगे बढ़ पाऊंगी? लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मैं कदम दर कदम खुद को आगे बढ़ाती रही। शुरुआत में मुझे काम न मिलने का डर था। लेकिन 10 साल से भी ज्यादा समय तक थिएटर करने के बाद, मुझे अब वो डर नहीं लगता। अब अगर मुझे कोई प्रोजेक्ट या काम दिल से जुड़ा नहीं लगता, तो मैं खुद ही अपने लिए अवसर बना लेती हूं।''

बॉलीवुड में काम करने के अपने अनुभव

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बॉलीवुड में काम करने के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए चंद्रा ने बताया कि वह हमेशा से ही एक्शन फिल्में करना चाहती थीं।अपने संघर्षों के बारे में उन्होंने कहा, ''मार्शल आर्ट में पारंगत होने के चलते मुझे हॉलीवुड ने पहला मौका दिया। इसके लिए मैं बेहद आभारी हूं, लेकिन मेरा दिल और पहचान बॉलीवुड से जुड़ी हुई है। मैंने बहुत छोटी उम्र में अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम जैसे बड़े सितारों के साथ काम किया। मैं पंद्रह या सोलह साल की उम्र में मुंबई आई थी और ऑडिशन के लिए एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो भटकती थी। मुझे पहला बड़ा मौका एक पार्कर पेन के विज्ञापन में मिला, जिसे निर्देशक प्रियदर्शन ने बनाया था। यहीं से मेरा एक्टिंग करियर शुरू हुआ। मैं हमेशा बॉलीवुड की आभारी रहूंगी, कि इसने मुझे पहचान और हिम्मत दी। मैंने असफलताओं से बहुत कुछ सीखा है, और मजबूत बनी हूं।''

13 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता

चंद्रा ने कहा, ''आप चाहे किसी भी मुकाम पर क्यों न हों, एक कलाकार के तौर पर लोगों से संपर्क करना, काम मांगना आपका अधिकार है। इसमें कोई झिझक नहीं होनी चाहिए। मैंने 13 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेतानिर्देशकों के साथ काम किया है। मैं प्रियदर्शन, कुमार मंगत जैसे निर्माताओं से काम मांगती हूं क्योंकि मैं उनकी कहानी कहने की कला की कायल हूं। भले ही उनके पास अभी मेरे लिए कोई प्रोजेक्ट न हो, लेकिन वे मेरी मेहनत और क्षमता को जानते हैं। मुझे अच्छा काम मिल रहा है, लेकिन ऐसे रोल जिनमें गहराई हो, उनमें समय लगता है। हाल ही में मैंने एक ब्रेक के बाद फिर से शूटिंग शुरू की और मुझे एक बार फिर एहसास हुआ कि अभिनय ही मेरा असली जुनून है।''

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