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Health Tips: कहीं आप भी तो नहीं 'फैट वॉलेट सिंड्रोम' के शिकार, जानें होता है क्या?

हमारी रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतें हमारे स्वास्थ्य पर बड़ा असर डालती हैं। इस कड़ी में वैज्ञानिकों ने कई शोध किए हैं, जिनमें से एक शोध में सामने आया है कि पैंट की पिछली जेब में वॉलेट रखना हमारे शरीर के संतुलन को बिगाड़ सकता है। 

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YBN News
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FatWalletSyndrome Photograph: (ians)

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नई दिल्ली, आईएएनएस। ज्यादातर लोग अपनी पैंट की पिछली जेब में वॉलेट रखना पसंद करते हैं। यह एक आम आदत है, लेकिन यह छोटी सी आदत आपके शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। अक्सर हम बिना सोचे-समझे इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि हमारी रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतें हमारे स्वास्थ्य पर बड़ा असर डालती हैं। इस कड़ी में वैज्ञानिकों ने कई शोध किए हैं, जिनमें से एक शोध में सामने आया है कि पैंट की पिछली जेब में वॉलेट रखना हमारे शरीर के संतुलन को बिगाड़ सकता है। 

शरीर के संतुलन

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जब हम पीछे वाली जेब में वॉलेट डालकर बैठते हैं, तो एक कूल्हा थोड़ा ऊपर उठ जाता है। देखने और सुनने में लग सकता है कि यह एक छोटी सी बात है, लेकिन इसका असर हमारी रीढ़ की हड्डी पर काफी गहरा होता है। शरीर की असमान बैठने की स्थिति के कारण रीढ़ की हड्डी धीरे-धीरे एक तरफ झुकने लगती है। यह झुकाव इतना मामूली लगता है, पर समय के साथ यह रीढ़ की सही संरचना को बिगाड़ सकता है। जब शरीर का भार ठीक तरह से बराबर नहीं बंटता, तो कूल्हे, कमर और रीढ़ पर दबाव बढ़ जाता है। यह असंतुलन सिर्फ बैठने के समय ही नहीं, बल्कि चलने-फिरने और खड़े होने की पोजीशन को भी प्रभावित करता है।

पीठ और कमर दर्द की शिकायतें

इसी कारण से लंबे समय तक इस आदत को बनाए रखने वालों को पीठ और कमर दर्द की शिकायतें ज्यादा होती हैं। साथ ही, मांसपेशियों में खिंचाव और नसों के दबाव के कारण साइटिका जैसे गंभीर दर्द भी हो सकते हैं। इसे मेडिकल भाषा में 'फैट वॉलेट सिंड्रोम' कहा जाता है, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है। जितना मोटा और भारी आपका वॉलेट होगा, उतना ही ज्यादा दबाव शरीर पर पड़ेगा, जिससे समस्या और बढ़ सकती है।

सही तरीके से संतुलित

इसके अलावा, जब रीढ़ की हड्डी और पेल्विस सही तरीके से संतुलित नहीं होते, तो यह आपके पूरे शरीर की मुद्रा और चलने-फिरने की आदतों को प्रभावित कर सकता है। कमर का दर्द और मांसपेशियों की तकलीफें धीरे-धीरे रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल बना देती हैं। जवान हों या बुजुर्ग, सभी इस समस्या से प्रभावित हो सकते हैं, खासकर जो लोग ऑफिस में घंटों एक जगह बैठते हैं।

आदत से बचना बेहद जरूरी

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इस आदत से बचना बेहद जरूरी है। आप चाहे तो वॉलेट को आगे की जेब में रख सकते हैं या फिर किसी बैग या पर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि आपकी पीठ और कमर पर अनावश्यक दबाव न पड़े। अगर आप नियमित रूप से अपनी पोजीशन बदलते रहें और समय-समय पर स्ट्रेचिंग करते रहें, तो आप इस समस्या से बच सकते हैं। डॉक्टर भी इस बात की सलाह देते हैं कि वॉलेट को हमेशा हल्का और पतला रखें ताकि वह आपकी पीठ और कूल्हे पर ज्यादा दबाव न डाले।

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