नई दिल्ली,आईएएनएस। टीवी शो 'इमली' फेम एक्टर फहमान खान ने सीरियल्स में दिखाए जाने वाले पुरुषों के किरदारों को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने पुरुषों की भूमिकाओं को ऐसे नायकों के रूप में दिखाने पर जोर दिया, जो न केवल शारीरिक रूप से मजबूत हों, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत हों।
सीरियल्स में पुरुष किरदार
इंटरव्यू में फहमान खान से सवाल किया कि वह सीरियल्स में पुरुष किरदारों को किस नए तरीके से पेश होते देखना चाहेंगे। इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि टीवी शो में पुरुष किरदारों को थोड़ा और ज्यादा रोमांचक और बड़ा दिखाया जाए, जो दर्शकों को पसंद आए।"
एक्टर का कहना है कि कहानी कहने में अलग-अलग किरदारों को शामिल किया जाना चाहिए, जो पर्दे पर शक्तिशाली हों। इससे किरदार दिलचस्प तो होगा ही, साथ ही दर्शकों को कहानी वास्तविक भी लगेगी।
फहमान खान ने दो तरह के पुरुष किरदारों के बारे में बात की। पहला किरदार 'बड़ा और शक्तिशाली' हो, जैसे बाहुबली फिल्म के हीरो, जो मजबूत, साहसी और मानसिक रूप से शक्तिशाली का प्रतीक बन जाते हैं। वहीं दूसरा किरदार आम इंसानों जैसा, जिसमें उनकी खूबियां, खामियां, कमजोरियां और भावनाएं दिखाई जाती हैं। पुरुष किरदारों को इन दोनों तरीकों से दिखाया जा सकता है, और दोनों ही तरीके अपने आप में काफी प्रभावशाली हैं।
फहमान खान के करियर पर नजर
एक्टर का मानना है कि कहानी कहने और किरदारों को दिखाने का तरीका लेखक और निर्माताओं के नजरिए को दिखाता है, इसलिए टीवी शो में नए और अलग-अलग तरीकों से किरदारों को दिखाने की कोशिश करनी चाहिए।
फहमान खान के करियर पर नजर डालें तो उन्होंने 'क्या कसूर है अमला का' शो में सपोर्टिंग रोल किया था। इसके बाद वह 'अपना टाइम भी आएगा' में नजर आए। और 'मेरे डैड की दुल्हन' में उन्होंने एक्ट्रेस श्वेता तिवारी के साथ काम किया। इसके अलावा, वह 'ये वादा रहा', 'कुंडली भाग्य', 'इश्क में मरजावां', 'इमली', 'प्यार के सात वचन धरमपत्नी', 'कृष्णा मोहिनी' और 'इश्क का रब्ब रखा' जैसे शो का भी हिस्सा रहे।