दमा, उच्च रक्तचाप, पीलिया, एसिडिटी और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में जूस का सेवन एक प्रभावी उपाय हो सकता है। इन समस्याओं में विशेष फल और सब्जियों के रस को आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में महत्वपूर्ण माना गया है। जूस का सेवन विशेषकर गर्मी के मौसम में और भी ज्यादा फायदेमंद होता है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि किस बीमारी के लिए कौन सा जूस सबसे अधिक लाभकारी है। इस तरह के जूस न केवल शरीर को अंदर से ताजगी और शक्ति प्रदान करते हैं, बल्कि इनसे शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता भी मजबूत होती है। खासकर आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, हर बीमारी के लिए सही जूस का चुनाव करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
दमा के मरीजों के लिए
लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकंदर, गाजर और मीठे अंगूर का रस दमा के रोगियों के लिए फायदेमंद है। ऐसे मरीजों को घी, तेल और मक्खन से बचना चाहिए। इनसे होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए, इनका सेवन कम करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर और खून साफ करने के लिए
हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को गाजर, अंगूर, मौसमी और ज्वारों का जूस पीने की सलाह दी जाती है। वहीं, खून साफ करने के लिए और त्वचा में निखार लाने के लिए नींबू, गाजर, चुकंदर, पालक, तुलसी, नीम, बेल के पत्तों और गोभी का जूस पीना चाहिए। यह रस न केवल खून को साफ करता है बल्कि त्वचा को भी स्वस्थ बनाए रखता है।
पीलिया और एसिडिटी के इलाज में
पीलिया के रोगियों के लिए अंगूर, सेब, रसभरी और मौसमी का रस सबसे अच्छा होता है। एसिडिटी की समस्या में गाजर, पालक, तुलसी, अंगूर और मौसमी का रस फायदेमंद साबित होता है।
अल्सर और डायबिटीज के इलाज में
अल्सर के मरीजों को गाजर, गोभी और अंगूर का रस पीने की सलाह दी जाती है, जबकि डायबिटीज के रोगियों के लिए करेला, गोभी, पालक, नारियल और गाजर का रस सबसे अच्छा होता है। यह जूस ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
सर्दी, खांसी और वजन को नियंत्रित करने के लिए
सर्दी और कफ की समस्या में मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी और गाजर का जूस पीना फायदेमंद है। वजन घटाने के लिए अनन्नास, तरबूज, लौकी और नींबू का रस सबसे प्रभावी होते हैं, जबकि वजन बढ़ाने के लिए पालक, गाजर, चुकंदर, नारियल और गोभी का जूस फायदेमंद होता है।
पानी की कमी और अनिद्रा के इलाज में
कड़ी मेहनत और मानसिक थकान के कारण होने वाली सिरदर्द की समस्या के लिए ककड़ी, चुकंदर, गाजर और नारियल का जूस उपयुक्त होता है। वहीं, अनिद्रा यानी नींद न आने की समस्या में अंगूर और सेब का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
खून की कमी और मासिक धर्म के दर्द के लिए
खून की कमी होने पर मौसम्मी, अंगूर, पालक, टमाटर, चुकंदर और सेब का जूस रात में लेना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान दर्द होने पर अंगूर, अनन्नास और रसभरी का जूस राहत पहुंचाता है।
पायरिया और बवासीर के इलाज में
पायरिया की समस्या में गेहूं के ज्वारों, गाजर, नारियल, ककड़ी और पालक का रस फायदेमंद होता है। बवासीर के इलाज के लिए मूली और अदरक के रस में देशी गाय का घी मिलाकर सेवन करना चाहिए।