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कटि चक्रासन: एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावी योगासन, अनिद्रा और तनाव का अचूक इलाज!

कटि चक्रासन एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावी योगासन है, जो अनिद्रा (नींद न आने) की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह आसन न केवल तनाव को कम करता है और तंत्रिका तंत्र को आराम देता है, जिससे गहरी नींद आती है।

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YBN News
Yoga

नई दिल्ली। कटि चक्रासन एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावी योगासन है, जो अनिद्रा (नींद न आने) की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह आसन न केवल तनाव को कम करता है और तंत्रिका तंत्र को आराम देता है, जिससे गहरी नींद आती है, बल्कि यह याददाश्त को भी बेहतर बनाने में सहायक है। यह कमर और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, कब्ज से राहत दिलाता है, और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है। इसे नियमित रूप से करने से शरीर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है और मानसिक शांति मिलती है।

करें ये आसान

यह एक ऐसा योगासन है जिसके नियमित अभ्यास से इसे ठीक किया जा सकता है। यह एक ऐसा अभ्यास है जिसे आप कहीं भी कर सकते हैं। ऑफिस या दुकान में काफी देर तक एक जगह पर बैठने से अक्सर कमर दर्द, गर्दन में अकड़न, आंखों की समस्या और तनाव जैसी कई परेशानियां होने लगती हैं। अगर आप भी कुछ ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो 'कटि चक्रासन' से आपको राहत मिल सकती है। 

करने की विधि

इसे करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को एक साथ मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को कंधों के स्तर तक सामने की ओर फैलाएं। हथेलियां एक दूसरे के सामने और जमीन के समानांतर होनी चाहिए। सांस बाहर छोड़ते हुए कमर से शरीर को धीरे-धीरे दायीं ओर मोड़ें। बाएं हाथ को दाहिने कंधे के पास लाएं। दाहिने हाथ को पीछे की ओर ले जाएं और कमर के बायीं ओर लपेटने का प्रयास करें।

मेरुदंड योगासन

गर्दन को भी मोड़ें और दाहिने कंधे के पीछे देखने की कोशिश करें। अब यही प्रक्रिया बायीं ओर से दोहराना है। इस क्रम को 5 से 7 बार करें। आयुष मंत्रालय के अनुसार, कटि चक्रासन एक खड़े होकर किया जाने वाला मेरुदंड योगासन है। इसके नियमित अभ्यास से लचीलापन बढ़ता है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। साथ ही यह शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है।

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एक्सपर्ट से सलाह

यह तनाव कम करने के साथ एकाग्रता बढ़ाता है। साथ ही यह याददाश्त को बेहतर बनाता है और नींद की गुणवत्ता सुधारता है। इसके नियमित अभ्यास से बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है और उन्हें भावनात्मक रूप से स्थिर रहने में मदद मिलती है। इस आसन के नियमित अभ्यास से स्वास्थ्य बेहतर रहता है, लेकिन कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, खासकर यदि कोई पुरानी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं।

 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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