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LifeStyle:' मेरी मूंछों को देखकर दंग रह जाते हैं लोग', अंशुल गर्ग ने सुनाए किस्से

फिल्म 'एक दीवाने की दीवानियत' बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर रही है। अंशुल की पहचान सिर्फ उनके काम से ही नहीं, बल्कि उनकी स्टाइलिश और रॉयल मूंछों से भी होती है। इन मूंछों में उनके राजस्थानी जड़ों और संस्कृति का गर्व झलकता है।

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YBN News
Anshul Garg

भारतीय फिल्म और म्यूजिकइंडस्ट्री में कुछ नाम ऐसे होते हैं, जो अपनी मेहनत और क्रिएटिविटी के कारण अलग पहचान बनाते हैं। ऐसे ही एक नाम हैं अंशुल गर्ग, जिन्होंने म्यूजिक और फिल्म प्रोडक्शन दोनों में अपनी छाप छोड़ी है। उनकी पहली फिल्म 'एक दीवाने की दीवानियत' बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर रही है। अंशुल की पहचान सिर्फ उनके काम से ही नहीं, बल्कि उनकी स्टाइलिश और रॉयल मूंछों से भी होती है। इन मूंछों में उनके राजस्थानी जड़ों और संस्कृति का गर्व झलकता है।

राजस्थान की यादों से जुड़ा है मूंछों वाला स्टाइल 

अंशुल गर्ग पहले भी कई हिट म्यूजिक प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने 'धीमे धीमे', 'गोवा बीच', 'मुड़ मुड़ के', 'ऐदन ना नाच', और 'कॉफी' का निर्माण किया। लेकिन उनके लिए सबसे खास चीज उनकी हैंडलबार मूंछें हैं। ये उनका रॉयल और क्लासी अंदाज है। अंशुल की यह पहचान उन्हें भीड़ में अलग बनाती है और उनके व्यक्तित्व को और निखारती है। अपनी मूंछों के बारे में बात करते हुए, अंशुल ने आईएएनएस को बताया कि उनका यह मूंछों वाला स्टाइल उनके बचपन और राजस्थान की यादों से जुड़ा है।

लोगों पर पश्चिमी संस्कृति हावी

उन्होंने कहा, ''मेरा जन्म राजस्थान के धौलपुर में हुआ और बचपन में मैंने देखा कि वहां लोग बड़ी और मोटी मूंछें रखते थे, लेकिन आजकल लोग अपनी सांस्कृतिक पहचान भूलते जा रहे हैं और पश्चिमी संस्कृति को अपनाने लगे हैं। इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं अपनी मूंछें रखूंगा, ताकि हमेशा अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़ा रहूं।''

मूंछें हैं, जो भारत की खासियत में से एक

अंशुल ने कहा कि उनकी मूंछें सिर्फ व्यक्तिगत स्टाइल का हिस्सा नहीं हैं। यह उन्हें राजस्थान की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने का मौका देती हैं। जब वह कहीं यात्रा करते हैं, तो लोग उनकी मूंछों को देखकर दंग रह जाते हैं। उनके लिए यह अपने देश और राज्य की संस्कृति को दुनिया के सामने लाने का तरीका है।उन्होंने कहा, ''मैं अंतरराष्ट्रीय म्यूजिक बनाता हूं, जिससे अक्सर विदेशों में कलाकारों से मिलना होता रहता है। ऐसे में उन्हें पता चलता है कि यह राजस्थानी मूंछें हैं, जो भारत की खासियत में से एक हैं। इससे काम के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और पहचान भी दुनिया में फैलती है।''

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अंशुल ने दिल्ली में एक रेस्टोरेंट चलाया है

बता दें कि म्यूजिक इंडस्ट्री में आने से पहले अंशुल ने दिल्ली में एक रेस्टोरेंट चलाया, जिसे उन्होंने 2015 में खोला था। वहां उन्होंने कई कलाकारों से मुलाकात की और इसी दौरान उन्हें पंजाबी सिंगर टोनी कक्कड़ से मिलने का मौका मिला। यही मुलाकात आगे चलकर देसी म्यूजिक फैक्ट्री (डीएमएफ) नामक रिकॉर्ड लेबल शुरू करने का कारण बनी। उनका पहला गाना 'अखियां' था, जिसमें नेहा कक्कड़, टोनी कक्कड़ और बोहेमिया थे। इस गाने ने उन्हें म्यूजिक इंडस्ट्री में पहचान दिलाई और उन्हें आगे बढ़ने के मौके दिए।

अंशुल की पहली फिल्म 'एक दीवाने की दीवानियत' एक रोमांटिक ड्रामा है, जिसे मिलाप जावेरी ने डायरेक्ट किया है। फिल्म में हर्षवर्धन राणे और सोनम बाजवा मुख्य किरदारों में हैं।आईएएनएस

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