इनपुट, वाईबीएन नेटवर्क: गर्मी का मौसम आते ही बाजारों में गन्ने के जूस की दुकानों की बहार आ जाती है। तेज़ धूप में एक गिलास ठंडा गन्ने का रस शरीर को राहत और एनर्जी देता है। यह पेय न सिर्फ तरोताज़ा करता है, बल्कि इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। लेकिन सवाल उठता है कि डायबिटीज़ (मधुमेह) के मरीज क्या गन्ने का रस पी सकते हैं? क्या यह उनके ब्लड शुगर को नुकसान पहुंचा सकता है या कुछ मात्रा में इसका सेवन सुरक्षित है? आइए इस सवाल का जवाब साइंस और न्यूट्रिशन के नजरिए से विस्तार में जानते हैं।
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए खतरे की घंटी क्यों?
गन्ने का रस एक प्राकृतिक पेय है, लेकिन इसमें नेचुरल शुगर (खासकर सुक्रोज) की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह शुगर शरीर में बहुत तेज़ी से अवशोषित होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल में अचानक तेज़ उछाल (spike) आ सकता है। गन्ने के रस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अपेक्षाकृत ज्यादा माना जाता है, जो डायबिटीज़ के रोगियों के लिए खतरे की घंटी है। इसका मतलब है कि इसका सेवन करने के बाद शुगर लेवल में तीव्र बढ़ोतरी हो सकती है।
ब्लड शुगर स्पाइक का असर
ब्लड शुगर के बार-बार बढ़ने से शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ता है और इससे डायबिटीज़ की स्थिति बिगड़ सकती है। जिन मरीजों की ब्लड शुगर पहले से ही अनियंत्रित है, उन्हें गन्ने के जूस से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। सावधानी और संतुलन सबसे जरूरी है। यदि आपकी ब्लड शुगर कंट्रोल में है, और डॉक्टर की सलाह पर आप सीमित मात्रा में गन्ने का रस ले रहे हैं, तो यह एक बार-एक समय के रूप में लिया जा सकता है लेकिन बहुत कम मात्रा में और भोजन के साथ या बाद में।