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ShahRukhKhan Photograph: (IANS)
मुंबई। बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान को उनकी फिल्म 'जवान'में बेहतरीन अभिनय के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। निर्देशक एटली की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'जवान' में शाहरुख खान ने दर्शकों को खूब लुभाया है। इस फिल्म में वह पिता और बेटे की दोहरी भूमिका में नजर आए हैं। फिल्म में उनके साथ नयनतारा और विजय सेतुपति भी नजर आए। फिल्म की कहानी एक ऐसे जेलर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक महिला जेल की देखभाल करता है और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता है। इस किरदार ने लोगों को काफी प्रभावित किया और शाहरुख के अभिनय की खूब तारीफ हुई। वह अपने करियर को काफी गंभीरता से लेते हैं और अपने काम को बड़ी की शिद्दत के साथ करते हैं, लेकिन बचपन में वह बिल्कुल इसके उलट थे। क्लास बंक करने के लिए वह हर दिन कोई न कोई बहाना लगाते थे।
स्कूल के दिनों की घटना
उनके स्कूल के दिनों की एक मजेदार घटना सोशल मीडिया पर चर्चा में आई है। दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में पले-बढ़े शाहरुख ने सेंट कोलंबा स्कूल से पढ़ाई की है। स्कूल में उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' भी मिला, जो स्कूल का सबसे बड़ा सम्मान है। लेकिन वह कई बार शरारतें भी करते थे।
टॉक शो 'जीना इसी का नाम है
2002 में शाहरुख खान ने मशहूर अभिनेता फारूक शेख के लोकप्रिय टॉक शो 'जीना इसी का नाम है' में हिस्सा लिया था। उस शो में उनके स्कूल के पुराने दोस्त भी उनके साथ आए थे। इस दौरान उन्होंने उस वक्त की एक मजेदार घटना को साझा किया।
किंग खान के एक दोस्त ने शेख से बात करते हुए बताया, ''जब हम 11वीं क्लास में थे, तब एक नए टीचर आए थे। उस दिन हम सब क्लास से छुट्टी लेना चाहते थे। इसके लिए शाहरुख ने ऐसा नाटक किया जैसे उन्हें मिर्गी का दौरा पड़ गया हो। इनकी यह एक्टिंग इतनी असली थी कि हम दोस्त लोग भी हैरान रह गए थे।''
स्कूल के दिनों की शरारतें
उनके दोस्तों ने बताया, ''शाहरुख के मुंह से झाग निकल रहा था, जिससे ऐसा लग रहा था जैसे सच में उन्हें दौरा पड़ा हो। फिर हमने मिलकर उनको अपने कंधों पर उठाया और क्लास से बाहर ले गए। इसके बाद हम तीन घंटे तक क्लास में नहीं गए। मजेदार बात यह भी है कि एक दोस्त टीचर का जूता लेकर आ गया था, जिससे हम आराम से घूमने में कामयाब रहे।''
शाहरुख खानने उस घटना के बारे में कहा कि वे और उनके दोस्त स्कूल के दिनों में ऐसी शरारतें खूब करते थे। यह उनकी जिंदगी का एक मजेदार हिस्सा था, जो अब यादगार बन गया है।
(इनपुट-आईएएनएस)