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देश के राज्यों समेत 38 अन्य देशों ने जाना लखनऊ का RRR मॉडेल

लखनऊ नगर निगम ने गिनाई जयपुर में चल रही 12वें रीजनल RRR और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम में अपनी उपलब्धियां। लखनऊ महापौर सुषमा खर्कवाल ने मेयर संवाद में पेश किया RRR मॉडल

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Mohd. Arslan
कार्यक्रम में महापौर सुषमा khrkwal

कार्यक्रम में महापौर सुषमा खर्कवाल Photograph: (YBN )

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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राजस्थान के जयपुर में आयोजित 12वें रीजनल 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम में लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने 'मेयर संवाद' में लखनऊ नगर निगम की सफाई व्यवस्था के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने लखनऊ नगर निगम के 3 आर (RRR) मॉडेल को प्रेजेंट किया। इसके साथ ही लखनऊ में बन रहे एशिया के सबसे बड़े ट्रांसफर स्टेशन के बारे में भी बताया। इस कॉन्फ्रेंस में 500 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रतिभागियों ने भाग लिया है। 38 आमंत्रित सदस्य देशों, भारत सरकार के 15-लाइन मंत्रालयों, लगभग सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया है। 

RRR मॉडल को किया साझा  

महापौर सुषमा खर्कवाल ने मेयर सेशन के दौरान कॉन्फ्रेंस में मौजूद लोगों को बताया कि कूड़ा प्रबंधन में MRF सेंटर सबसे सटीक माध्यम है। समय, संसाधन और धन बचाने का सबसे पहले हमारी प्राथमिकता ये रहती है की घरों से कूड़ा सेग्रीगेट (अलग-अलग) होकर मिले। जिसपर नगर निगम लखनऊ ने व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया है, चुंकी ये आदत में बदलाव लाने की कोशिश है जिसमे समय लगता है। उन्होंने कहा कि "जैसे पहले पड़ाव घर से कूड़ा डंपिंग साईट पर जाता था तो उसमे मिट्टी, पत्थर, पेड़ सभी तरह का वेस्ट लैंडफिल में जाता था और हमे वजन के हिसाब से भुगतान करना पड़ता था लेकिन अब लखनऊ में 47 PCTS और 28 FCTS मशीन लगाने से मिट्टी, पत्थर और हॉर्टिकल्चर वेस्ट 200 मेट्रिक टन प्रोसेसिंग प्लांट तक कम हुआ है। MRF सेंटर में छटनी के बाद जो रिकवरी होती है वो हम लोगों ने वेंडर के स्कोप में दे रखा है की वो रिकवर माल को बेच सकता है। इनमे से कुछ दुबारा इस्तेमाल किया जाता है (रियूज) के अंतर्गत और कुछ को हम रीसायकल करते है।" 

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डेढ़ साल से अधिक समय में किए ये बड़े बदलाव

महापौर सुषमा खर्कवाल ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि "सबसे पहले मैंने लखनऊ में प्रोसेसिंग प्लांट (शिवरी) में काम शुरू किया। 24 लाख मेट्रिक टन कूड़ा लेगेसी वेस्ट था और डेली 2000 मेट्रिक टन कूड़ा और इकट्ठा हो रहा था। पिछले एक साल में 8 लाख मेट्रिक टन पुराना कूड़ा खत्म किया गया है। 47 PCTS और 28 FCTS लगाए है जिससे कूड़ा कम होकर प्रोसेसिंग प्लांट (शिवरी) जा रहा है। आज लखनऊ में 1500 इलेक्ट्रिक गाड़िया है जिससे प्रदूषण में कमी हुई है। 4 MRF सेंटर चालू हो गए हैं और 4 लगने बाकी है। 150 मेट्रिक टन कूड़ा कम हो कर जा रहा है। लखनऊ में गोमती नगर में एशिया का सबसे बड़ा 700 मेट्रिक टन का ट्रांसफर स्टेशन बनने जा रहा है।"

जयपुर डिक्लेरेशन से जानेगा पूरा विश्व

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पूरे विश्व में 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने की रणनीति जयपुर में तय होगी, जो 'जयपुर डिक्लेरेशन' के नाम से जानी जाएगी। ये रणनीति 10 साल के लिए अपनाई जाएगी। ये कहना है केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का। सोमवार को जयपुर में आयोजित 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का उद्घाटन करते हुए उन्होंने ये बात कही। साथ ही बताया कि यहां सिटीज कोलिशन फॉर सर्कुलेटरी (सी3) नाम से भी प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसमें नॉलेज, तकनीकी विशेषज्ञ और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक मल्टी स्टेक होल्डर बहुराष्ट्रीय गठबंधन होगा।

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