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हज़रत अली की शहादत के गम में लखनऊ में निकाला गया 21वें रमज़ान का जुलूस

मुसलमानों के चौथे खलीफा हज़रत अली की शहादत के गम में हर साल की तरह इस साल भी 21वें रमज़ान को जुलूस निकाला गया। रोज़ा ए नजफ से चलकर जुलूस कर्बला तालकटोरा पर संपन्न हुआ।

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Mohd. Arslan
हज़रत अली की याद में जुलूस

हज़रत अली की याद में जुलूस Photograph: (YBN )

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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मुसलमानों के चौथे खलीफा और शिया समुदाय के पहले इमाम, हज़रत अली इब्ने अबुतालिब की शहादत की तारीख के सिलसिले में लखनऊ में ग़मगीन माहौल में 21वी रमज़ान का जुलूस अकिदतो एहतराम के साथ आज निकाला गया। शनिवार सुबह हजारों की तादाद में अकीदतमंदों ने जुलूस में शरीक होकर हज़रत अली को ख़िराजे अक़ीदत पेश की।

नजफ से बरामद होता है जुलूस

तक़रीबन 1400 साल पहले मस्ज़िद में नमाज़ के दौरान हज़रत अली को ज़रबत मार कर शहीद कर दिया गया था जिसकी याद में आज भी शिया समुदाय हज़रत अली की याद में 19 रमज़ान से लेकर 21रमज़ान तक ग़म मनाता है। इसी के चलते यह ऐतिहासिक जूलूस भी बरामद किए जाते है। जिसमे बड़ी तादात में अक़ीदतमंद शामिल होकर ग़म का इज़हार करते है। 21वी रमज़ान को निकलने वाला यह जुलूस पुराने लखनऊ के थाना सहादतगंज स्थित दरगाह हज़रत अब्बास इलाक़े के रोज़ा ए नजफ़ से बरामद होकर कर्बला तालकटोरा जाता है।

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कर्बला तालकटोरा पर जाकर होता सम्पन्न

मौजूदा समय में संवेदनशीलता को देखते हुए लखनऊ पुलिस के सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहे। जुलूस के रास्तों पर सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी के साथ आसपास की छतों पर पुलिस कर्मी तैनात रहे। इसके साथ ही पीएसी, आरआरएफ और सादी वर्दी में इंटेलिजेंस भी मौजूद रही। तकरीबन 4 किलोमीटर लंबे इस जुलूस के रास्तों पर सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स भी अपनी जिम्मेदारी निभाते नज़र आए।

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