लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अब एडवांस स्टेज के पेट संबंधी कैंसर मरीजों के लिए हाईपैक तकनीक से सर्जरी की सुविधा शुरू कर दी गई है। यह सुविधा अस्पताल को कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) योजना के तहत उपलब्ध कराई गई है, जिसमें पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन द्वारा 10 करोड़ रुपये की लागत वाली इलेक्ट्रो कीमोथेरेपी मशीन दान की गई है।
दिल्ली-मुंबई की तुलना में बेहद सस्ता इलाज
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष विजय कुमार के अनुसार इस अत्याधुनिक तकनीक की मदद से अब तक आठ मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुका है। इनमें एक बड़ी आंत और सात महिलाओं के अंडाशय के कैंसर के मामले शामिल हैं। उन्होंने बताया की दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में जहां यह सर्जरी पांच से आठ लाख रुपये तक खर्चीली होती है, वहीं केजीएमयू में इसे मात्र 30 हजार रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। यह तकनीक खासतौर पर पेट, कोलन, अंडाशय और पेरिटोनियम में फैले कैंसर के इलाज के लिए कारगर मानी जाती है।
कैसे काम करती है हाईपैक सर्जरी
सर्जिकल टीम के सदस्य डॉ. नसीम अख्तर बताते हैं कि इस प्रक्रिया में शरीर के अंदर शेष बची कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए गर्म कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है। सामान्य कीमोथेरेपी जहां शरीर के कई हिस्सों पर दुष्प्रभाव डालती है, वहीं इलेक्ट्रो कीमोथेरेपी में गर्म दवाओं का प्रयोग कर उन्हें सीधे प्रभावित हिस्से तक पहुंचाया जाता है।
कैंसर रोगियों को बड़ी राहत
इस प्रक्रिया में दवा को शरीर के सामान्य तापमान से कुछ डिग्री अधिक गर्म किया जाता है और फिर उसे सर्जरी के दौरान अंदर डाला जाता है। इससे न केवल कैंसर की कोशिकाएं मरती हैं, बल्कि दवा के साथ ये अवशेष बाहर भी आ जाते हैं। लखनऊ में यह तकनीक अभी तक केवल लोहिया संस्थान में ही उपलब्ध थी, लेकिन अब केजीएमयू में इसकी शुरुआत से गंभीर कैंसर रोगियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।