लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। श्रीराम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है। रामनगरी में बसने की चाहत लोगों में लगातार बढ़ रही है। इसी बीच अयोध्या में जमीन खरीदने वालों को अब अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी।प्राण प्रतिष्ठा के बाद आठ साल में पहली बार अयोध्या में जमीन का सर्किल रेट बढ़ा दिया गया है। इस बार सर्किल रेट में एक साथ 200 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। शहर के विभिन्न इलाकों में जमीन की मांग और बाजार मूल्य के अनुसार सर्किल रेट तय किए गए हैं। खासतौर पर राम मंदिर के आसपास की जमीनें और महंगी हो गई हैं। जमीनों की रजिस्ट्री अब नए रेट के आधार पर ही होगी।
मंदिर क्षेत्र के आस-पास जमीनें सबसे महंगी
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि जमीन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी उसके उपयोग जैसे आवासीय, व्यवसायिक या कृषि और उस जगह की अहमियत के आधार पर गई है। खासकर शहर के मुख्य इलाके राम मंदिर के पास और सड़कों के किनारे की जमीनों के रेट सबसे ज्यादा बढ़ाए गए हैं। इससे सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेगा। वहीं दूसरी ओर आम लोगों और छोटे निवेशकों के लिए अब अयोध्या में जमीन खरीदना पहले से महंगा हो गया है।
अयोध्या में 2017 में सर्किल रेट में हुआ था बदलाव
अयोध्या में जमीन का सर्किल रेट आखिरी बार 2017 में संशोधित किया गया था। सर्किल रेट जिला प्रशासन तय करता है। प्रदेश के 54 जिलों में 2017 में सर्किल रेट में बदलाव हुआ था। जिनमें अयोध्या भी शामिल था। बाद में 2023 में 21 जिलों में इसे संशोधित किया गया। अयोध्या से सटे बाराबंकी, गोंडा, सुलतानपुर, बस्ती और अंबेडकर नगर में भी सर्किल रेट में बदलाव किया गया था।