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बली प्रेक्षागृह में फिर सजेगा रंगमंच, पांच साल बाद गूंजेगी तालियां

कोविड काल में काम की रफ्तार धीमी हुई और खर्च बढ़ता गया। लाइट, साउंड, एसी, शौचालय ओर कुर्सियों को दुरुस्त कराने साथ प्रेक्षागृह की सज्जा में चार करोड़ से अधिक खर्च हो गए।

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Deepak Yadav
Rai Umanath Bali Auditorium

पांच साल बाद राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में शुरू होंगी प्रस्तुतियां Photograph: (Google)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ की सांस्कृतिक विरासत संयोजे राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह एक बार फिर कलाकारों और दर्शकों से गुलजार होने जा रहा है। पिछले पांच वर्षों के बंद एतिहासिक इमारात का रंगमंच अपनी रंगत बिखेरने को तैयार है। इसकी शुरुआत 28 जून से होगी। जब भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कार्यशालाओं के प्रशिक्षु अपनी प्रस्तुतियां देंगे। चार करोड़ से अधिक राशि से संवारे गए प्रेक्षागृह की बुकिंग आमजन फिर से करा सकेंगे।

कोविड़ में थमा काम, बढ़ा खर्च 

वर्ष 2020 में बली प्रेक्षागृह की हालत जर्जर हो गई थी, तब इसके जीर्णोद्धार की पहल की गई। डेढ़ करोड़ रुपये से मरम्मत का काम शुरू कराया गया। कोविड काल में काम की रफ्तार धीमी हुई और खर्च बढ़ता गया। लाइट, साउंड, एसी, शौचालय ओर कुर्सियों को दुरुस्त कराने साथ प्रेक्षागृह की सज्जा में चार करोड़ से अधिक खर्च हो गए, लेकिन इसे चालू नहीं किया जा सका। फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की औपचारिकता में महीने भर से अधिक समय बीत गया। हालांकि अब काम पूरे करा दिए गए हैं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह शुक्रवार को प्रेक्षागृह में कार्यक्रमों का शुभारंभ करेंगे।

 शहर में सबसे कम किराया

बली प्रेक्षागृह लखनऊ समेत अन्य जिलों के रंगकर्मियों के लिए भी मददगार रहा है। यहां का किराया पहले मात्र डेढ़ हजार रुपये था। बाद में इसे बढ़ाकर तीन हजार रुपये किया गया था। इतने कम किराये में शहर में कोई और प्रेक्षागृह बुक नहीं होता। ऐसे में कलाकार कम खर्च में नाट्य मंचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम कर लेते थे। बली प्रेक्षागृह फिर शुरू होने से कलाकारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजकों को आसानी होगी। हालांकि यह अभी तय  नहीं है कि किराया यही रहेगा या बढ़ाया जाएगा।

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