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UP News : विलय के बाद खाली स्कूलों में खुलेंगी बालवाटिकाएं, 8800 एजुकेटर होंगे नियुक्त

उत्तर प्रदेश सरकार ने कम नामांकन वाले परिषदीय स्कूलों के विलय के बाद खाली हो रहे परिसरों का उपयोग बालवाटिकाओं के संचालन के लिए करने का निर्णय लिया है।

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Abhishek Mishra
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बालवाटिका

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में कम दाखिले वाले परिषदीय स्कूलों के विलय के बाद खाली हो रहे परिसरों का अब बेहतर उपयोग किया जाएगा। राज्य सरकार ने इन स्कूल परिसरों में बालवाटिकाओं को सक्रिय रूप देने की तैयारी तेज कर दी है। इसके तहत राज्य के 8800 प्राथमिक व कंपोजिट स्कूलों में अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ECCE) एजुकेटर की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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ECCE एजुकेटर के लिए बजट को स्वीकृति

शिक्षा मंत्रालय के स्वीकृत वार्षिक योजना के तहत इन एजुकेटर की नियुक्ति का बजट पहले ही मंजूर किया जा चुका है। इसका उद्देश्य बालवाटिकाओं और उनमें चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को बेहतर बनाना और प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध कराना है।

30 सितंबर तक नियुक्ति पूरी करने के निर्देश

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महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को निर्देशित किया है कि जेम पोर्टल के जरिए एजुकेटरों की तैनाती की प्रक्रिया 30 सितंबर 2025 तक पूरी कर ली जाए। इसके अलावा, पिछले वर्ष के लिए प्रस्तावित 10,684 एजुकेटरों की नियुक्ति प्रक्रिया भी निर्धारित समय पर पूरी करने को कहा गया है।

जिलावार एजुकेटरों की संख्या तय

सभी 75 जिलों के लिए आवश्यकता के अनुसार एजुकेटरों की संख्या तय की जा चुकी है। उदाहरण के लिए, लखनऊ में 90, गोंडा में 170, बाराबंकी में 160, सीतापुर में 200, जौनपुर में 220 जबकि रायबरेली, गोरखपुर, हरदोई व प्रयागराज में 210-210 एजुकेटरों की तैनाती की जाएगी।

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बालविकास की दिशा में बड़ा कदम

सरकार का यह कदम न सिर्फ प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि बच्चों के मानसिक, सामाजिक और शारीरिक विकास की नींव भी मजबूत करेगा। विशेषज्ञों की मानें तो यह योजना भविष्य में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में अहम भूमिका निभाएगी।

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