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लखनऊ में बन रहा नया पक्का पुल Photograph: (YBN)
हर शहर की पहचान उसके रास्तों से होती है जो वक्त से साथ बदलते तो है लेकिन लोगों को जोड़े रखते है। कुछ ऐसी ही कहानी है लखनऊ शहर के सबसे पहले पुल यानि "पक्का पुल" की। गोमती नदी के दो छोर को जोड़ने के लिए पहले नवाबों उसके बाद अंग्रेजो और अब योगी सरकार ने भारी भरकम बजट के साथ काम शुरू किया है।
दो किनारे नहीं तीन सदियां जोड़ता है पक्का पुल
बात है सन 1780 की जब अवध में नवाबी दौर हुआ करता था। उस समय के अवध के नवाब, आसिफुद्दौला ने बड़े इमामबाड़े के सामने गोमती नदी को पार करने के लिए यहां पर पुल बनवाया। यह शहर का पहला पत्थर वाला पुल था जिसे "शाही पुल" के नाम से जाना जाता। वक्त गुजरा, हुकूमत गुजरी और अवध पर अंग्रेजो का कब्ज़ा हो गया। अंग्रेज़ी शासनकाल में लगभग एक सदी पुराने इस पुल को कमज़ोर होने के बाद तोड़कर यहां सन 1914 में पक्का पुल बनाया गया। वहीं एक सदी और बीत जाने के बाद 2023 में इस पक्के पुल को कमज़ोर होता देख सरकार ने इसपर आवाजाही बंद करवा दी। अब योगी सरकार नवाबों और अंग्रेजों के बाद यहां पर नये पक्का पुल का निर्माण करवा रही है।
180 मीटर लंबा होगा फोर लेन पुल
राज्य सेतु निगम, लोकनिर्माण विभाग और स्मार्ट सिटी मिशन लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से यहां पर अब फोर लेन नया पक्का पुल बनवा रही है। इस पुल की लंबाई 180 मीटर होगी। बताते चलें कि शहर में आबादी, आवाजाही बढ़ने के साथ इन पुलों पर लोड भी बढ़ रहा था। इसी वजह से पुराने पक्का पुल के पास ही अब यह नया फोर लेन पुल बनाया जा रहा है। जून 2027 तक इस पुल के निर्माण को पूरा होना है जिसके लिए तेज़ी से विभाग कार्य में जुट गए है और आधुनिक डिज़ाइन और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ इसका निर्माण कराया जा रहा है।