लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और जन संस्कृति मंच (JSM) की अगुवाई में जोरदार प्रदर्शन हुआ। यह विरोध AISA के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर के विरोध में आयोजित किया गया।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/18/25sZqP9to1JLCVV51Btu.jpg)
सवाल पूछने पर दर्ज कराया गया केस
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लगातार खतरे में है। प्रदर्शन के दौरान छात्र नेता सूचित माथुर ने लोकतंत्र और संविधान जैसे नारे लिखे हुए कपड़े पहनकर अपना विरोध दर्ज कराया। छात्र नेताओं का कहना है कि मनीष कुमार ने सोशल मीडिया पर राफेल विमान दुर्घटना, भारतीय वायुसेना को हुए नुकसान और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए थे, जिसके आधार पर उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या और बोलने की आज़ादी पर हमला बताया।
सरकार पर तानाशाही के आरोप
प्रदर्शन में शामिल छात्र ने कहा कि अगर एक छात्र नेता की फेसबुक पोस्ट से सरकार डर जाती है, तो यह लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही का संकेत है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के दमन के खिलाफ देशभर के विश्वविद्यालयों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आवाज़ बुलंद की जाएगी। छात्र ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और लोकगायिका नेहा सिंह राठौर पर भी मामला दर्ज हो चुका है, जिससे साफ है कि सरकार के खिलाफ सवाल उठाना अब अपराध बनता जा रहा है।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/18/4OYJ3Pza2L6Gu8Qr1EqJ.jpg)
बीजेपी समर्थकों को खुली छूट
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं को अभिव्यक्ति की आजादी का विशेष अधिकार है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की एक महिला अधिकारी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना था कि बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों के लोगों को कुछ भी कहने और लिखने की छूट है, लेकिन अगर कोई अन्य व्यक्ति सवाल उठाता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाती है।