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लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों का प्रदर्शन, बोले- सरकार से सवाल पूछने पर हो रही FIR, खतरे में अभिव्यक्ति की आजादी

छात्र नेताओं का कहना है कि मनीष कुमार ने सोशल मीडिया पर राफेल विमान दुर्घटना, भारतीय वायुसेना को हुए नुकसान और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए थे, जिसके आधार पर उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया।

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Abhishek Mishra
Lucknow University students protest

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों ने किया प्रदर्शन

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और जन संस्कृति मंच (JSM) की अगुवाई में जोरदार प्रदर्शन हुआ। यह विरोध AISA के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर के विरोध में आयोजित किया गया।

Lucknow University students protest

सवाल पूछने पर दर्ज कराया गया केस

प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लगातार खतरे में है। प्रदर्शन के दौरान छात्र नेता सूचित माथुर ने लोकतंत्र और संविधान जैसे नारे लिखे हुए कपड़े पहनकर अपना विरोध दर्ज कराया। छात्र नेताओं का कहना है कि मनीष कुमार ने सोशल मीडिया पर राफेल विमान दुर्घटना, भारतीय वायुसेना को हुए नुकसान और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए थे, जिसके आधार पर उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या और बोलने की आज़ादी पर हमला बताया।

सरकार पर तानाशाही के आरोप

प्रदर्शन में शामिल छात्र ने कहा कि अगर एक छात्र नेता की फेसबुक पोस्ट से सरकार डर जाती है, तो यह लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही का संकेत है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के दमन के खिलाफ देशभर के विश्वविद्यालयों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आवाज़ बुलंद की जाएगी। छात्र ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और लोकगायिका नेहा सिंह राठौर पर भी मामला दर्ज हो चुका है, जिससे साफ है कि सरकार के खिलाफ सवाल उठाना अब अपराध बनता जा रहा है।

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Protest Lucknow University

बीजेपी समर्थकों को खुली छूट

छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं को अभिव्यक्ति की आजादी का विशेष अधिकार है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की एक महिला अधिकारी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना था कि बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों के लोगों को कुछ भी कहने और लिखने की छूट है, लेकिन अगर कोई अन्य व्यक्ति सवाल उठाता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाती है।

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