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AKTU के 25वें आविर्भाव दिवस पर दिखे विविध रंग,  रंगोली-निबंध प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने दिखाई प्रतिभा

वीसी ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की आत्मा छात्र होते हैं। ऐसे में हम छात्रों के हितों और नई तकनीकी से जोड़ने का हर सम्भव प्रयास करेंगे। डिजिटाइजेशन अपनाने की बात हो या छात्र हित एकेटीयू हमेशा से आगे रहा।

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Deepak Yadav
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एकेटीयू के 25वें आविर्भाव दिवस पर दिखे विविध रंग

एकेटीयू के 25वें आविर्भाव दिवस पर दिखे विविध रंग Photograph: (Social Media)

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता।  डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) का 25वां आविर्भाव दिवस गुरूवार को मनाया गया। आविर्भाव दिवस पर रंगोली, निबंध प्रतियोगिता सहित परिसर में कुलपति प्रोफेसर जेपी पाण्डेय सहित अन्य अधिकारियों ने पौधरोपण भी किया। इस मौके पर कुलपति ने विश्वविद्यालय के 25 वर्षों की इस यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सन 2000 में अस्तित्व में आया यह विश्वविद्यालय एक छोटे से हॉल से शुरू हुआ था। पहले सभी कार्य मैनुअल होते थे। विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी पूरी मेहनत और लगन से अपनी जिम्मेदारी से इस विश्वविद्यालय को बनाने में लगे रहे। 

डिजिटाइजेशन की ओर कदम

कुलपति ने बताया कि आज जब यह विश्वविद्यालय अपनी नई उंचाईयों को छूरहा है, इसमें सबसे बड़ा योगदान यहां के सभी अधिकारियों कर्मचारियों और शिक्षकों का है। शुरूआत में यह विश्वविद्यालय प्रदेश के तकनीकी संस्थानों को सम्बद्धता देने और परीक्षा कराने तक सीमित रहा। लेकिन धीरे-धीरे विश्वविद्यालय ने पूरे प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को नये आयाम तक लाने का कार्य किया। 25 वर्षों की इस यात्रा के दौरान विश्वविद्यालय ने कई मील के पत्थर छूये। डिजिटाइजेशन अपनाने की बात हो या छात्र हित एकेटीयू हमेशा से आगे रहा। विश्वविद्यालय गुणवत्ता के मानकों पर खरा उतरने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 

डिजिलॉकर पर डिग्रियां रखने वाला पहला विवि

वीसी ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की आत्मा छात्र होते हैं। ऐसे में हम छात्रों के हितों और नई तकनीकी से जोड़ने का हर सम्भव प्रयास करेंगे। प्रतिकुलपति प्रो. राजीव कुमार ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर होने से इसने कई बुलंदियों को छुआ। विश्वविद्यालय अब नये तेवर और कलेवर में है। प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने छात्रों की डिग्रियां डिजिलॉकर पर रखी। वित्त अधिकारी केशव सिंह ने भी कहा कि इस विश्वविद्यालय का स्वरूप कई मायनों में अलग है। यहां से पूरे प्रदेश के सात सौ से ज्यादा संस्थानों का नेतृत्व और मार्गदर्शन किया जाता है। ताकि तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाया जा सके। यह विश्वविद्यालय न सिर्फ तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रहा है बल्कि सामाजिक दायित्वों को भी पूरा कर रहा है।

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