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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ताराचंद छात्रावास के पूर्व डेलीगेट्स का सम्मान
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित डॉ ताराचंद छात्रावास के पूर्व डेलीगेट्स का भव्य सम्मेलन राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में संपन्न हुआ। इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों में कार्यरत पूर्व डेलीगेट्स बड़ी संख्या में एकत्र हुए और छात्रावास में बिताए गए अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभवों को एक-दूसरे के साथ साझा किया। सम्मेलन का उद्देश्य डॉ ताराचंद छात्रावास के पूर्व छात्रों को एक मंच पर लाना और छात्रावास की गौरवशाली परंपराओं को याद करते हुए आपसी संवाद को मजबूत करना रहा। कार्यक्रम के दौरान छात्रावास के योगदान को रेखांकित करते हुए सभी पूर्व डेलीगेट्स ने भावनात्मक रूप से अपने छात्र जीवन की स्मृतियों को साझा किया।
नाइट स्टडी क्लब का केंद्र रहा छात्रावास
एक पूर्व डेलीगेट ने सम्मेलन में छात्रावास का किस्सा छेड़ा तो हॉल ठहाकों से गूंज उठा। डेलीगेट ने बताया कि यही छात्रावास कई वर्षों तक नाइट स्टडी क्लब का केंद्र रहा था। जहां आधी रात तक चलने वाली बहसों में छात्र सिर्फ परीक्षा नहीं, देश की राजनीति से लेकर विश्व इतिहास तक पर गहन चर्चा किया करते थे। एक अन्य डेलीगेट ने याद किया कि कैसे छात्रावास की कैंटीन में चाय की प्याली के साथ बनता था ताराचंद चाय सर्किल जहां बैठकर कई साहित्यिक रचनाएं, कविताएं और नारे गढ़े गए।
पूर्व डेलीगेट्स हुए भावुक
कुछ पूर्व छात्र भावुक हो उठे जब उन्होंने उन दिनों को याद किया जब कोई छात्र आर्थिक संकट में होता था, तो पूरा छात्रावास मिलकर उसके लिए चंदा इकट्ठा करता और हर किसी की मदद के लिए खड़ा हो जाता। सम्मेलन में शामिल वरिष्ठ डेलीगेट्स का आयोजकों द्वारा भव्य सम्मान किया गया। साथ ही छात्रावास में वर्षों तक सेवा देने वाले सभी कर्मचारियों को भी सम्मानित कर उनके योगदान को सराहा गया।
समर्पण और राष्ट्र सेवा की पाठशाला रहा छात्रावास
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा कि हमें गर्व है कि हम इलाहाबाद विश्वविद्यालय और डॉ ताराचंद छात्रावास के छात्र रहे हैं। यहां से पढ़े हजारों छात्र आज देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रशासन, शिक्षा, न्याय और अन्य क्षेत्रों में अहम जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। यह छात्रावास केवल एक निवास स्थान नहीं, बल्कि नेतृत्व, समर्पण और राष्ट्र सेवा की पाठशाला रहा है। सम्मेलन के अंत में सभी प्रतिभागियों ने भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को निरंतर जारी रखने की इच्छा जताई और छात्रावास की गौरवमयी विरासत को बनाए रखने का संकल्प लिया।