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डेंगू-मलेरिया की आशंका के मद्देनज़र नगर निगम हुआ अलर्ट, ड्रोन से हो रहा एंटी लार्वा छिड़काव

लखनऊ में बरसाती मौसम के बीच डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में नगर निगम ने अब एंटी लार्वा के छिड़काव के लिए ड्रोन की मदद लेना शुरू कर दी है

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Mohd. Arslan
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छिड़काव के लिए इस्तेमाल होता ड्रोन Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

बारिश के मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे संचारी रोगों के प्रसार की संभावना को देखते हुए लखनऊ नगर निगम ने संचारी रोग नियंत्रण की गतिविधियों को और अधिक तेज़ कर दिया है। नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देश पर शहर में विभिन्न स्तरों पर एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग की कार्यवाही शुरू की जा रही है।

जलभराव वाले क्षेत्रों पर विशेष निगरानी

नगर निगम की टीमों द्वारा विशेष रूप से उन क्षेत्रों में निगरानी और छिड़काव का कार्य किया जा रहा है, जहां जलभराव के कारण मच्छरों के पनपने की संभावना अधिक है। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे स्थलों की पहचान कर तत्काल प्रभाव से वहां एंटी लार्वा दवा का छिड़काव सुनिश्चित किया जाए।

पब्लिक एड्रेस सिस्टम और कूड़ा गाड़ियों से किया जा रहा जागरूक

नगर निगम की विभिन्न स्क्रीन और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से संचारी रोगों से बचाव संबंधी जागरूकता संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही कूड़ा कलेक्शन वाहनों पर भी इन संदेशों को प्रसारित किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग सतर्क हो सकें।

ड्रोन तकनीक से एंटी लार्वा छिड़काव का कार्य जारी

पिछले साल की तरह इस बार भी अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए ड्रोन के माध्यम से एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। गुरुवार को जोन 1 में बटलर पैलेस झील और जोन 2 में मोती झील जैसे बड़े जल निकायों पर ड्रोन की मदद से दवा का छिड़काव किया गया। इस दौरान नगर निगम के जोन 1 में अपर नगर आयुक्त ललित कुमार एवं जोन 2 में अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त मौके पर मौजूद रहे और कार्य का निरीक्षण किया।

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सभी जोनों में ड्रोन छिड़काव के निर्देश

नगर आयुक्त गौरव कुमार और नगर स्वास्थ्य अधिकारी पी.के. श्रीवास्तव द्वारा सभी जोनल सेनेटरी ऑफिसर (ZSO) और SFI को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे स्थलों की पहचान करें जहां मैन्युअल छिड़काव संभव नहीं है और वहां ड्रोन के माध्यम से कार्रवाई सुनिश्चित कराएं। विशेष रूप से झीलों, बड़े भूखंडों और निर्माणाधीन क्षेत्रों में ड्रोन से छिड़काव का कार्य प्राथमिकता पर किया जाएगा।

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