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Crime News: राजधानी में नशे का नंगा खेल, कैसरबाग के अलावा अन्य स्थानों पर भी खुलेआम बिक रहा गांजा व सूखा नशा, युवा व महिलाएं चपेट में

राजधानी में गांजे का अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है। कैसरबाग, चौक, चिनहट, इंदिरा नगर और केजीएमयू जैसे क्षेत्रों में खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित युवा और महिलाएं हो रहे हैं। पुलिस को जानकारी होने के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।

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Shishir Patel
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खुलेआम मादक पदार्थों का सेवन करते हुए।

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाताउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नशे का अवैध कारोबार तेजी से फैलता जा रहा है। खास तौर पर गांजा की खुलेआम बिक्री कई इलाकों में देखी जा सकती है। पुलिस की तमाम कोशिशों और बड़े-बड़े दावों के बावजूद यह गैरकानूनी धंधा बेखौफ चल रहा है।सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह सिर्फ कैसरबाग तक सीमित नहीं है। गांजा का कारोबार शहर के अन्य इलाकों जैसे चौक, चिनहट, इंदिरा नगर, आशियाना और केजीएमयू के आसपास भी देखा जा सकता है। सार्वजनिक स्थलों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और यहां तक कि स्कूल-कॉलेज के पास भी यह कारोबार फल-फूल रहा है।

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पुलिस का ध्यान हटते ही सक्रिय हो जाते है तस्कर 

स्थानीय लोगों के अनुसार, कई बार पुलिस को सूचना देने के बावजूद स्थायी कार्रवाई नहीं होती। कार्रवाई कुछ दिनों तक चलती है, फिर पुलिस का ध्यान हटते ही नशे का कारोबार फिर से शुरू हो जाता है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि या तो पुलिस की मंशा साफ नहीं है या फिर वह इस मामले में गंभीर नहीं है।केजीएमयू के आसपास, जो राजधानी का सबसे बड़ा मेडिकल हब है, वहां भी यह नशे का खेल खुलेआम चल रहा है। मरीजों, तीमारदारों और मेडिकल छात्रों के बीच यह नशा आसानी से पहुंच रहा है। गांजा की छोटी-छोटी पुड़िया सड़कों के किनारे बेचने वालों के जरिए उपलब्ध हो रही है।

सूखा नशा की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे युवा 

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इस अवैध कारोबार की चपेट में सबसे ज्यादा युवा आ रहे हैं। कई स्कूल-कॉलेज के छात्र इसका सेवन करते पाए जा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि अब महिलाएं भी इसकी गिरफ्त में आने लगी हैं। नशे की लत न केवल उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक ताना-बाना भी कमजोर हो रहा है।राज्य सरकार भले ही "ड्रग-फ्री यूपी" का अभियान चला रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। गांजा बेचने वाले नेटवर्क पूरी तरह सक्रिय हैं और पुलिस की आंखों के सामने यह सारा कारोबार चल रहा है। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने, आरोपियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने और निगरानी को मजबूत करने की जरूरत है।

निरंतर छापेमारी न होने के कारण तस्करों के हौंसले बुलंद 

जनता की मांग है कि पुलिस ऐसे स्थानों की पहचान करे जहां गांजे की बिक्री हो रही है और वहां निरंतर छापेमारी कर अवैध व्यापार को रोके। साथ ही नशे से प्रभावित युवाओं के पुनर्वास के लिए प्रभावी योजना बनाई जाए, ताकि वे सामान्य जीवन में लौट सकें। डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित ने बताया कि नशे के कारोबार को लेकर पुलिस काफी गंभीर है। इसकी जहां पर शिकायत मिलती है वहां पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। हर थाना स्तर पर इसकी रोकथाम के लिए समय समय पर अभियान चलाया जाता है।

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